इन दिनों पाकिस्तान के राष्ट्र कवि मोहम्मद इकबाल को लेकर खुब चर्चा हो रही है क्योंकी उनसे जुड़े अध्याय को हटाने का प्रस्ताव पारित किया गया है। दरअसल दिल्ली विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद ने राजनीतिक विज्ञान के पाठ्यक्रम से पाकिस्तान के राष्ट्र कवि मोहम्मद इकबाल से जुड़ा एक अध्याय हटाने के लिए शुक्रवार को एक प्रस्ताव पारित किया। बताया जा रहा है कि अकादमिक परिषद के सदस्यों ने इसकी पुष्टि की।
सारे जहां से अच्छा लिखा लिखा था गीत
ये वही कवि है जिन्होंने अविभाजित भारत के सियालकोट में प्रसिद्ध गीत सारे जहां से अच्छा लिखा था। इसके साथ ही उन्हें अक्सर पाकिस्तान का विचार देने का श्रेय दिया जाता है।अध्याय को लेकर अधिकारियों ने कहा कि इकबाल बीए के छठे सेमेस्टर के पाठ्यक्रम में आधुनिक भारतीय राजनीतिक विचार नामक अध्याय का हिस्सा हैं।
अध्याय को हटाया जाएगा
इसे अब हटाया जाएगा और विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद के समक्ष पेश किया जाएगा। इनकी तरफ से ही अंतिम फैसला लिया जाएगा। कहा जा रहा है अगर कार्यसमिति ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी तो इकबाल का चैप्टर कोर्स से बाहर कर दिया जाएगा।
पाठ्यक्रम में बदलाव के संबंध में एक प्रस्ताव लाया गया था
इस मामले को लेकर अकादमिक परिषद के एक सदस्य ने कहा कि राजनीति विज्ञान के पाठ्यक्रम में बदलाव के संबंध में एक प्रस्ताव लाया गया था। प्रस्ताव के मुताबिक इकबाल पर एक अध्याय था। जिसे पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है। इस बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इस फैसले का स्वागत किया है।
सारे जहां से अच्छा लिखा लिखा था गीत
ये वही कवि है जिन्होंने अविभाजित भारत के सियालकोट में प्रसिद्ध गीत सारे जहां से अच्छा लिखा था। इसके साथ ही उन्हें अक्सर पाकिस्तान का विचार देने का श्रेय दिया जाता है।अध्याय को लेकर अधिकारियों ने कहा कि इकबाल बीए के छठे सेमेस्टर के पाठ्यक्रम में आधुनिक भारतीय राजनीतिक विचार नामक अध्याय का हिस्सा हैं।
अध्याय को हटाया जाएगा
इसे अब हटाया जाएगा और विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद के समक्ष पेश किया जाएगा। इनकी तरफ से ही अंतिम फैसला लिया जाएगा। कहा जा रहा है अगर कार्यसमिति ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी तो इकबाल का चैप्टर कोर्स से बाहर कर दिया जाएगा।
पाठ्यक्रम में बदलाव के संबंध में एक प्रस्ताव लाया गया था
इस मामले को लेकर अकादमिक परिषद के एक सदस्य ने कहा कि राजनीति विज्ञान के पाठ्यक्रम में बदलाव के संबंध में एक प्रस्ताव लाया गया था। प्रस्ताव के मुताबिक इकबाल पर एक अध्याय था। जिसे पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है। इस बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इस फैसले का स्वागत किया है।