दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस से उस याचिका पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है जिसमें पुलिस अधिकारियों द्वारा अवैध रूप से हिरासत में लेने और बुरी तरह से पिटाई करने का आरोप लगाया गया है। साथ ही अदालत ने संबंधित पुलिस चौकी से घटना वाले दिन का सीसीटीवी फुटेज भी सुरक्षित रखने को कहा है।
उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस को उस व्यक्ति की याचिका पर नोटिस जारी किया है जिसने दावा किया है कि उसे और तीन अन्य को दिल्ली मध्य जिले के चांदनी महल पुलिस थाने की पुलिस चौकी तुर्कमान गेट के पुलिस कर्मियों ने कुछ व्यक्तियों के इशारे पर बेरहमी से पीटा, अवैध रूप से हिरासत में लिया और प्रताड़ित किया।
न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा ने 23 मार्च को दिए गए फैसले में कहा कि राज्य को स्थिति रिपोर्ट जमा करनी होगी जिसकी एक प्रति वकील के मार्फत याचिकाकर्ता को अग्रिम तौर पर उपलब्ध करानी होगी। उन्होंने कहा कि इस दौरान राज्य को सुनिश्चित करना होगा कि तुर्कमान गेट पुलिस चौकी में लगे सीसीटीवी कैमरों और उक्त पुलिस चौकी के बाहर लगे कैमरों की 25 जनवरी, 2021 को शाम सात बजे की बाद की फुटेज भी सुरक्षित रखी जाए।
पुलिस की तरफ से पेश हुए वकील ने अदालत से कहा कि अगर सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध होगी तो उसे संरक्षित रखा जाएगा। याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता एम सुफियान सिद्दीकी ने कहा कि 25 जनवरी की शाम को उसे और तीन अन्य को चांदनी महल पुलिस थानांतर्गत तुर्कमान गेट पुलिस चौकी के पुलिसकर्मियों ने कुछ निजी लोगों के इशारे पर सरेआम बेरहमी से पीटा, अवैध रूप से हिरासत में लिया और प्रताड़ित किया जबकि उनके खिलाफ कोई लिखित शिकायत नहीं दर्ज कराई गई थी और न ही कोई पीसीआर कॉल की गई थी।