हरिद्वार : उच्च शिक्षा, सहकारिता, प्रोटोकॉल एवं दुग्ध विकास विभाग, उत्तराखण्ड सरकार द्वारा प्रदेश का पहला तीन दिवसीय ‘ज्ञानकुम्भ’ तीन नवंबर से पतंजलि योगपीठ, हरिद्वार में आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम की भावी योजना बनाने हेतु उत्तराखण्ड के उच्च शिक्षा धनसिंह रावत के दिशानिर्देशन में पतंजलि अनुसंधान संस्थान के सभागार में एक बैठक आहुत की गई। बैठक में उच्च शिक्षा में गुणवत्ता सुधार हेतु आयोजित इस त्रिदिवसीय कार्यक्रम को व्यवस्थित करने के लिए विभिन्न समितियों को अंतिम रूप दिया गया। सभा को सम्बोधित करते हुए रावत ने कहा कि प्रदेश का पहला ज्ञानकुम्भ ऐतिहासिक होगा।
रावत ने बताया कि ज्ञानकुम्भ में महामहिम राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद, माननीय उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, उत्तराखण्ड राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और प्रदेश मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आदि महान् हस्तियों के साथ सभी प्रदेशों के उच्च शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव और देशभर के सभी सरकारी, प्राइवेट और डीम्ड विश्वविद्यालयों के कुलपति तथा शिक्षाविद् शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि ज्ञानकुम्भ की मुख्य थीम ‘उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधारों हेतु सरकारी प्रयास’ है। इस अवसर पर रावत ने कहा कि ज्ञानकुम्भ के आयोजन में कोई कोर कसर नहीं रहनी चाहिए। कार्यक्रम से प्रदेश की उच्च शिक्षा, पर्यटन, संस्कृति के प्रति अच्छा संदेश जाना चाहिए। उन्होंने ज्ञानकुम्भ के प्रतिभागियों, शिक्षाविदों तथा अतिथिगणों की सुविधा एवं अन्य व्यवस्थाओं पर विशेष चर्चा की।
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इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण महाराज ने कहा कि प्रदेश के प्रथम ज्ञानकुम्भ का आयोजन पतंजलि की भूमि से होना हमारे लिए गौरव का विषय है। उन्होंने कहा कि ज्ञानकुम्भ में गुणात्मक शिक्षा, राष्ट्र निर्माण, उच्च शिक्षा, नैतिक शिक्षा आदि विषयों पर गहन मंथन किया जाएगा।बैठक में अपर मुख्य सचिव डॉ. रणबीर सिंह, ज्ञानकुम्भ के मुख्य संयोजक श्रीदेव सुमन विवि के कुलपति डॉ. यू.एस. रावत, हरिद्वार के जिलाधिकारी दीपक रावत, एस.एस.पी. वी.के. कृष्ण कुमार, ज्वाइंट मैजिस्ट्रेट रूड़की श्रीमती नीतिका खण्डेलवाल आदि गणमान्य मौजूद रहे।
– संजय चौहान