फर्जी खबरों पर अंकुश लगाने के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सोमवार को पत्रकारों की मान्यता से जुड़ी संशोधित गाइडलाइन जारी की। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने पत्रकारों की मान्यता संबंधी दिशानिर्देशों को संशोधित किया है और कहा है कि अगर एक पत्रकार फर्जी खबरों के प्रकाशन या प्रसारण का दोषी पाया गया तो उसकी मान्यता निलंबित या रद्द की जा सकती है। वहीं सरकार द्वारा जारी इन गाइडलाइंस को लेकर मीडिया जगत में विरोध के शुरू हो गया है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा है कि पत्रकारों की मान्यता के लिए संशोधित दिशानिर्देशों के मुताबिक अगर फर्जी खबर के प्रकाशन या प्रसारण की पुष्टि होती है तो पहली बार ऐसा करते पाये जाने पर पत्रकार की मान्यता 6 महीने के लिए निलंबित की जायेगी और दूसरी बार ऐसा करते पाए जाने पर उसकी मान्यता एक साल के लिए निलंबित की जायेगी।
लेकिन तीसरी बार दिशा निर्देशों का उल्लंघन करते पाए जाने पर उस पत्रकार (महिला/पुरुष) को हमेशा के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा और उसकी मान्यता स्थायी रूप से रद्द कर दी जाएगी। सूचना प्रसारण मंत्रालय के मुताबिक भारतीय प्रेस परिषद (PCI) और न्यूज ब्रॉडकास्टर एसोसिएशन यह तय करेगा कि कोई खबर फेक न्यूज है अथवा नहीं।
अगर खबर इलेक्ट्रानिक मीडिया से जुड़ी है तो कोई भी शख्स इसकी शिकायत न्यूज ब्रॉडकास्टर एसोसिएशन (NBA) को कर सकता है, जबकि अगर खबर प्रिंट मीडिया से जुड़ी है तो इसकी शिकायत भारतीय प्रेस परिषद (PCI) को भेजी जा सकती है। मंत्रालय ने कहा कि इन एजेंसियों को 15 दिन के अंदर खबर के फर्जी होने या ना होने का निर्धारण करना होगा।
Committee comprising of senior officers , reps of PCI, NBA, IBF set up for regulations/ policy for digital broadcasting & News portals. Till such time the regulation is not implemented rules cannot be enforced for news portals by industry.
— Smriti Z Irani (@smritiirani) April 2, 2018
सूचना प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि ये दोनों ही संस्थाएं सरकार द्वारा नियंत्रित/नियमित नहीं होती हैं। मंत्रालय के मुताबिक जैसे ही किसी पत्रकार के खिलाफ ‘फेक न्यूज’ के शिकायत दर्ज की जाएगी, उसकी मान्यता तब तक सस्पेंड रहेगी जब तक कि PCI/NBAयह तय नहीं कर लेता है कि वह खबर फेक न्यूज है या नहीं। सरकार ने इन नए दिशानिर्देशों का यह कहकर बचाव किया कि पिछले कुछ दिनों से कई माध्यमों में फेक न्यूज के उदाहरण बढ़े हैं।
गाइडलाइंस को लेकर पत्रकार विरोध की तैयारी में………
सरकार द्वारा जारी इन गाइडलाइंस को लेकर एक बैठक करने और विरोध की तैयारी कर रहे हैं। वहीं कुछ पत्रकारों का कहना है कि ये ‘ये नियम मीडिया का गला घोंटने की कोशिश के तहत लाया जा रहा है। ये सरकार का अलोकतांत्रिक कदम है।’हालांकि, जो भी हो ये तो तय है कि ‘फेक न्यूज’ पर नए कदम से एक बार फिर सरकार और मीडिया टकराव की स्थिति बन गई है।
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