नई दिल्ली: एमडीएच (MDH) के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी के निधन की खबर झूठी है। उनके परिवार की ओर से जारी वीडियो में धर्मपाल ने संदेश जारी करते हुए कहा है कि वह एकदम स्वस्थ हैं। आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर उनके निधन की अफवाह उड़ी थी उसके बाद कई प्रमुख न्यूज वेबसाइट ने भी यह खबर पब्लिश कर दी। फिलहाल अब परिवार की ओर से वीडियो जारी हो गया है।
दरअसल रविवार को एकाएक कुछ मीडिया रिपोर्ट्स आईं कि 95 साल की उम्र में राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के एक अस्पताल में उनका निधन हो गया है। लेकिन बाद में ये अफवाह साबित हुई और वो पूरी तरह स्वस्थ हैं। महाशियां दी हट्टी, यानी एमडीएच भारत में मसालों का एक लोकप्रिय ब्रांड है और पिछले कुछ सालों में गुलाटी उसके विज्ञापनों में ब्रांड का प्रतिष्ठित चेहरा बन गए हैं। कंपनी की स्थापना उनके पिता ने की थी, जो कि विभाजन के बाद भारत आ गए थे। 1959 में दिल्ली में उन्होंने एक मसाले की दुकान शुरू की। बाद में, उन्होंने करोल बाग क्षेत्र में अजमल खान रोड पर भी इसे खोला।
गुलाटी, जिन्हें ‘महाशयी जी’ के रूप में जाना जाता है, का जन्म 1923 में पाकिस्तान के सियालकोट में हुआ था। लोकप्रिय कहानियों के मुताबिक, एमडीएच मालिक ने राष्ट्रीय राजधानी में आने के बाद एक तांगा किराए पर लिया और अपने मसाले को घर-घर ले जाना शुरू किया।
महाशय धर्मपाल ने सिर्फ 5वीं तक पढ़ाई की थी। रिपोर्ट के अनुसार, वह वर्ष 2017 में भारत में सबसे ज्यादा भुगतान किए गए FMCG (फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स) सीईओ थे। इनके पिता सियालकोट में मसालों की दुकान चलाते थे। 5वीं तक पढ़ाई करने के बाद ही इनके पिता ने इन्हें कभा साबुन की तो चावल की फैक्ट्री में काम पर लगाया। महाशियां दी हट्टी यानी एमडीएच को इस साल कुल 213 करोड़ रुपए का लाभ हुआ है।