नई दिल्ली : अनुबंध खत्म होने के बाद बेरोजगार हुए सरकारी स्कूलों में कार्यरत हजारों गेस्ट टीचर्स की 58 साल की पॉलिसी की मांग पूरी हो या न हो, लेकिन इस मुद्दे के राजनीतिक और चुनावी मुद्दा बनने की पूरी संभावना है। आठ दिनों तक उप मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के घर के बाहर धरना प्रदर्शन, फिर एलजी हाउस में प्रदर्शन और शनिवार को पंडित पंत मार्ग स्थित दिल्ली भाजपा कार्यालय के बाहर गेस्ट टीचर्स के प्रदर्शन से यह तो साफ हो गया है कि गेस्ट टीचर्स अब अपनी मांगों को लेकर चुप नहीं बैठेंगे।
वहीं राजनीतिक दल भी इस बात को भिलभांति समझ रहे हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव में दिल्ली में टीचर्स का मुद्दा गंभीर विषय बन सकता है, इसलिए पहले मनीष सिसोदिया, फिर दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी और शनिवार को हुए प्रदर्शन में पुहंचकर रोहतक से कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने गेस्ट टीचर्स की मांगों का समर्थन किया।
ऑल इंडिया गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी शोएब राणा ने कहा कि गुरुवार को उप राज्यपाल अनिल बैजल की ओर से इस मामले में कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया न मिलने से टीचर्स नाखुश और हताश हैं। उनका कहना है कि एलजी केंद्र सरकार के इशारे पर काम करते हैं। चूंकि केंद्र में भाजपा की सरकार है, इसलिए दिल्ली भाजपा कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रोष व्यक्त किया गया।