राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामले अचानक फिर से बढ़ने लगे हैं। जिस पर सियासत गरमा गई है। भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ने का ठीकरा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सिर पर फोड़ा है।
प्रदेश अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता ने कहा, जब दिल्ली में कोरोना के मामले कम हो रहे थे तब मुख्यमंत्री केजरीवाल इसका क्रेडिट ले रहे थे, लेकिन आज फिर मामले बढ़ने पर गायब हैं। दिल्ली सरकार की ओर से सार्वजनिक जगहों और डीटीसी बसों को भी सैनिटाइज नहीं किया जा रहा है।
भाजपा की दिल्ली इकाई के मुताबिक, केजरीवाल सरकार की ओर से सार्वजनिक स्थलों और डीटीसी बसों को सैनिटाइज करने की घोषणा भी अन्य वादों की तरह कागज पर ही रह गई। प्रदेश अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता ने केजरीवाल सरकार पर विज्ञापनों पर अनावश्यक पैसे खर्च करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड 19 से लड़ने के लिए पीएम केयर्स फंड बनाया, जिसकी शुरूआत अपनी तरफ से 2.25 लाख रुपए देकर की। जबकि इस समय में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बस विज्ञापन ही देते रहे। अगर वो जनता की परवाह करते तो वो भी आगे आकर सहयोग देते।
दरअसल, पिछले दिनों में दिल्ली में एक हजार से भी कम केस आने लगे थे, मगर अगस्त के आखिरी दिनों में संक्रमण के मामले अचानक बढ़ने लगे हैं। 30 अगस्त को जहां 2024 केस आए तो एक सितंबर को कोरोना संक्रमण के 2312 मामले आए, वहीं दो सितंबर को ढाई हजार से ज्यादा लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई।
दिल्ली में फिर से कोरोना के मामलों को लेकर भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। बीजेपी का मानना है कि गृहमंत्री अमित शाह की ओर से जून में किए गए उपायों के कारण राजधानी में कोरोना काबू में हुआ, लेकिन केजरीवाल सरकार कुछ करने की जगह सिर्फ क्रेडिट लेने में जुटी रही। जिससे अब फिर संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं।