पूर्वी दिल्ली : आखिर शांतिपूर्ण प्रदर्शन ने कैसे इतना हिंसक रूप ले लिया ये सवाल तो सबके मन में है, लेकिन इसका जवाब किसी के पास नहीं है। दरअसल इलाके के नेताओं ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन का ऐलान कराया था। जिसके लिए सभी बाजार भी बंद कराए गए थे। प्रदर्शन भी शांतिपूर्वक चल रहा था, मगर अचानक एक चिंगारी भड़की और फिर बवाल खड़ा हो गया। जो कुछ वहां हुआ उससे ये भी साफ है गया है कि उपद्रव मचाना भी प्री प्लान (प्रायोजित) था।
दरअसल दोपहर के ढाई बज रहे थे, सीलमपुर मेन मार्केट और जाफराबाद की ओर से लोगों की भीड़ जीटी रोड की ओर प्रदर्शन के लिए पहुंची। पुलिस की ओर से बैरीकेडिंग की गई थी। लोग प्रदर्शन कर रहे थे, उसी दौरान भीड़ में से किसी ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। पत्थरबाजी होते देख पुलिस ने भीड़ को खदेड़ना शुरू किया।
बल का प्रयोग पर उपद्रवियों को खदेड़ा गया। जाफराबाद रोड पर भगदड़ मच गई। पुलिस जैसे ही प्रदर्शनकारियों को खदेड़ते हुए अंदर घुसी उसी दौरान पुलिस टीम पर पथराव शुरू हो गया। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों की मानें तो तीन ओर से पथराव किया जा रहा था। आलम ये था कि पुलिस को पीछे हटना पड़ा।
इस बीच उपद्रवियों ने जाफराबाद रोड पर स्थित पुलिस बूथ में आग लगा दी। दो बाइकें भी जलाईं और जमकर अन्य वाहनों व दुकानों में तोड़फोड़ की। इसके बाद अतिरिक्त सुरक्षा बल बुलाकर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागने शुरू किए तो जाकर उपद्रवियों को शांत कराया जा सका।
केमिकल भी फेंका…
हालात पर काबू पाने के लिए मौके पर आए पुलिसकर्मियों ने बताया कि सड़क पर उपद्रव कर रहे प्रदर्शनकारियों ने ही नहीं बल्कि दोनों ओर मौजूद घरों से भी पुलिस पर हमला हुआ। पुलिस पर पत्थर और ईंट ही नहीं बीयर व शराब की बोतलें भी फेंकी गईं। उपद्रवी यहीं नहीं रुके उन्होंने पुलिस पर बोतलों में नीले रंग का कोई केमिकल भी फेंका।
सड़क पर जगह-जगह पड़े कांच, ईंट, पत्थर घटना को बयां कर रहे थे। पुलिस ने जब पथराव कर रहे उपद्रवियों को खदेड़ा तो घरों के उपर से पुलिस पर बीयर की बोतलें फेंकी जाने लगीं।
साथ ही उपद्रवी पुलिस टीम पर एक प्लास्टिक पैक में बंद नीले रंग का तरल पदार्थ भी फेंके। बताया जा रहा है कि वह कोई केमिकल है। पुलिस ने उसे जांच के लिए अपने कब्जे में ले लिया है।
सीलमपुर-जाफराबाद में दो एफआईआर दर्ज…
इस पूरी मामले में एडिशनल पीआरओ दिल्ली पुलिस अनिल मित्तल का कहना था कि उपद्रव में 11 पुलिसकर्मी समेत 18 लोग घायल हुए हैं। घायलों में गोकलपुरी के एसीपी अनुज कुमार शामिल हैं। इसके अलावा सीलमपुर और जाफराबाद थाने मेें दंगा फैलाने, सरकारी कर्मचारियों पर हमला करने और सरकारी प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाना सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया है। पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को हिरासत में लिया है।
पुलिस के अनुसार उपद्रवियों ने दो बसों में तोडफ़ोड़ की और तीन बाइक को आग के हवाले किया है। भीड़ को काबू करने के लिए पूर्वी, उत्तर पूर्वी और शाहदरा जिला के पुलिसकर्मी के अलावा अर्धसैनिक के पांच कंपनियों की मदद ली गई। पुलिस का कहना है कि विरोध प्रदर्शन शुरू में काफी शांति पूर्वक मार्च कर रही थी।
लेकिन कुछ देर बाद कुछ असामाजिक तत्वों ने बसों पर पथराव कर दिया, जिससे हालात बिगड़े। इलाके में शांति स्थापित करने में अमन कमिटी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
दंगे में 11 पुलिसकर्मी और 7 प्रदर्शनकारी हुए घायल… सीलमपुर और जाफराबाद में हुए दंगे में कुल 18 लोग घायल हुए। इसमें 11 पुलिसकर्मी और 7 प्रदर्शनकारी शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक, दंगे में घायल हुए 10 पुलिसकर्मी और 6 प्रदर्शनकारियों को दिल्ली सरकार के जग परवेश अस्पताल में भर्ती कराया गया।
जबकि एक प्रदर्शनकारी और एक पुलिसकर्मी को गुरु तेगबहादुर (जीटीबी) अस्पताल में भर्ती कराया गया। जग परवेश अस्पताल प्रशासन ने बताया कि अस्पताल में आए सभी 16 घायलों को माइनरी इंजरी थी। सभी को उपचार के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया।
वहीं जीटीबी अस्पताल प्रशासन की माने तो पुलिसकर्मी को छुट्टी दे दी गई है। जबकि प्रदर्शनकारी के बारे में जानकारी देने से इनकार कर दिया।