पटना : बिहार विधान मंडल के शीतकालीन सत्र चौथे दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ गयी और सदन की कार्यवाही मुख्य विपक्षी सदस्य राजद-कांग्रेस एवं भाकपा माले के सदस्यों ने सदन में भारी हंगामा एवें नोंकझोंक करना शुरू किया जिससे सदन की कार्यवाही नहीं चली। विधानसभा की कार्यवाही ज्योंहि शुरू हुआ कि भाकपा माले के खुर्शीद आलम ने कार्यस्थगन प्रस्ताव लाया। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने नियमानुकूल नहीं होने की बात बताकर अस्वीकृत कर दिया।
इस इस पर प्रतिपक्ष केनेता तेजस्वी यादव ने कहा कि बार-बार आसन की ओर से धैर्य रखने की अपील की जाती है। लेकिन हर बार विपक्ष का धैर्य समाप्त हो जाता है। क्योंकि बच्चियों के साथ रेप केस मामला चल रहा है। कहीं पर वृद्ध अल्पसंख्यकों को जलाया जा रहा है। ऐसे में विपक्ष का धैर्य टूट जाना स्वाभाविक है। सुप्रीम कोर्ट ने नीतीश सरकार को भ्रष्टाचार के मामले में फटकार लगा रही है।
फिर भी नीतश सरकार भ्रष्टज्ञचारियों को बचाने में लगी है। उन्होंने सदन में विपक्ष का माइक बंद होने का आरोप लगाया तो स्वीकर विजय कुमार चौधरी ने कहा कि किसी भी सदस्य का माइक बंद नहीं होता। आसन के इजाजत से सदस्य बोलते हैं तो उसका माइक बंद नहीं होता। आसन हमेशा चाहता है कि सदन में उठाये गये अति महत्वपूर्ण एवं ज्वलंत मुद्दों को सदस्य उठायें और सदन में विमर्श के बाद निष्कर्ष निकले।
स्पीकर विजय कुमार चौधरी ने सदन को सुचारू ढंग से चलाना चाह रहे थे लेकिन देखते ही देखते राजद, कांग्रेस व भाकपा माले के सदस्यों ने कार्यस्थगन प्रस्ताव पर बहस कराने की मांग को लेकर सदन के बेल में पहुंच कर शोर-शराबा एवं हंगामा करने लगे। सदन में स्पीकर ने राजद विधायक भाई वीरेन्द्र पर चुटकी लेते हुए कहा कि भाई वीरेन्द्र जी आपको सदन में प्रश्न पूछने की जरूरत नहीं है क्योंकि आप सभी सदस्यों के भाई हैं। सदन में दोनों तरफ से नोंक-झोंक एवं हंगामा देखते हुए सदन की कार्यवाही दो बजे भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दिया गया।