पटना : बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मुख्य विपक्षी सदस्य राजद, कांग्रेस एवं वाम दलों ने तल्ख तेवर एवं राज्य में बढ़ रहे अपराध के खिलाफ सदन की कार्यवाही नहीं चल सकी। विधानसभा की कार्यवाही ज्योंहि शुरू हुआ कि मुख्य विपक्षी सदस्य के कार्यस्थगन प्रस्ताव लाया। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने विपक्ष द्वारा लाये गये कार्यस्थगन प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया। देखते ही देखते मुख्य विपक्षी सदस्य राजद कांग्रेस एवं वाम सदस्यों ने सदन के बेल में पहुंचकर शोर-शराबा एवं हंगामा करने लगे।
इस पर प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि विधानसभा में गृह सामान्य प्रशासन जैसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मुख्यमंत्री के पास है। राज्य में अपराध चरम सीमा पर पहुंच गयी ऐसे मामले में नहीं रहना आश्चर्यचकित है। सरकार खुद सदन को चलाना नहीं चाहती। नीतीश कुमार प रखुद मर्डर केस चल रहा है। नीतीश सरकार सारे घोटालेबाजों को बचा रही है। इस पर संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि विपक्ष आमजनों के सवालों को सदन में उठाना नहीं चाहती है।
उधर, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी के बार बार अपने आसन पर लौटने का आग्रह करते रहे, लेकिन उनकी एक बात भी नहीं सुनी गयी। विधानसभा अध्यक्ष ने सदन में शोर-शराबा हंगामा को देखते हुए सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दिया। उधर विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने सीतामढ़ी के घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार अगर उस पर कार्रवाई नहीं करतेगी तो पूरा विपक्ष सीतामढ़ी का मार्च करेगा। कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद ङ्क्षसह ने कहा कि राज्य में प्रतिदिन घटनाएं घट रही है इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है।
उधर, विधान परिषद में ज्योहि कार्यवाही शुरू हुआ कि मुख्य विपक्षी दल राजद के सुबोध कुमार ने कार्यस्थगन प्रस्ताव लाया जिससे कार्यकारी सभापति हारूण रसीद ने स्थगित कर दिया। इससे बौखलाये राजद कांग्रेस सदस्यों ने सदन के बेल में पहुंचकर शोर-शराबा एवं हंगामा करते हुए मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग करने लगे। सदन में सरकार विरोधी नारेल गाते रहे वहीं सदन की कार्यवाही चलती रही। लेकिन मात्र दस मिनट बाद सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया।