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प्रणब मुखर्जी के नागपुर दौरे का मकसद और संदर्भ गलत था : जयराम रमेश

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नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने शनिवार को कहा कि पिछले साल जून में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मुख्यालय जाने का ‘मकसद और संदर्भ गलत था’। उन्होंने यह भी दावा किया कि नरेंद्र मोदी सरकार बनने के बाद से पंडित जवाहरलाल नेहरू की विरासत पर ‘व्यवस्थित ढंग से’ हमले हो रहे हैं, लेकिन देश के प्रथम प्रधानमंत्री को इतिहास से कभी नहीं मिटाया जा सकता। पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश ने ‘नेहरू-मिथक और सत्य’ नामक पुस्तक के विमोचन के मौके पर बोल रहे थे। पत्रकार पीयूष बबेले इस पुस्तक के लेखक हैं।

मुखर्जी के नागपुर दौरे से जुड़े एक सवाल के जवाब में रमेश ने कहा, ‘‘उस वक्त मैंने उनको (मुखर्जी) खत लिखा था और मैंने कहा था कि मेरी उम्मीद थी कि आप नागपुर नहीं जाएंगे। इसके बाद से उनके और मेरे बीच संबंध नहीं रहे। मैं उनसे मिला नहीं हूं और उन्होंने मुझे भी बुलाया नहीं। हालांकि मैंने उनके साथ 25 साल तक काम किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ जिस पृष्ठभूमि और संदर्भ में वह नागपुर गए वो गलत था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ नागपुर कई लोग गए हैं। ऐसा नहीं है कि कांग्रेस और आरएसएस के बीच संपर्क नहीं रहा। गौ हत्या पर रोक के लिए कानून बनाने के संदर्भ में जो समिति बनी थी उसमें इंदिरा जी ने गोलवलकर (आरएसएस के द्वितीय प्रमुख) को शामिल किया था। मुझे नहीं लगता कि संपर्क में कुछ गलत है। लेकिन जिस मकसद और संदर्भ में वो गए थे उस पर गई सवाल उठते हैं। इसलिए मैं उसका समर्थन नहीं किया था।’’

रमेश ने कहा, ‘‘अगर वो आरएसएस के असली चेहरे के बारे में बोलते तो सही रहता। अगर वह इस मौके पर कहते कि आरएसएस का इतिहास गलत है तो मैं मानता कि वे बड़े साहसी हैं। उन्हें आरएसएस के बारे में सरदार पटेल के विचार को लेकर बोलना चाहिए था। लेकिन उन्होंने विविधिता में एकता, बहुधर्मी और बहुभाषी देश होने की बात की। ये बातें तो सब जानते हैं। इसके लिए नागपुर जाने की जरूरत नहीं है।’’ गौतलब है कि पिछले साल जून में आरएसएस के एक कार्यक्रम में मुखर्जी बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे। उस वक्त उनकी पुत्री शर्मिष्ठा मुखर्जी सहित कांग्रेस के कई नेताओं ने उनके इस दौरे को लेकर सवाल उठाए थे।

पुस्तक विमोचन के मौके पर देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू के देश में योगदान का उल्लेख करते हुए रमेश ने कहा, ‘‘पिछले कुछ सालों से, खासकर 2014 से पंडित नेहरू की विरासत और उनकी उपलब्धियों पर व्यवस्थित ढंग से हमले हो रहे हैं। उनके बारे में जो प्रचार किया जा रहा है वो 100 फीसदी गलत है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘नेहरू को इतिहास से मिटाने की कोशिश हो रही है, लेकिन नेहरू और उनकी विरासत कभी नहीं मिट सकते।

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