नई दिल्ली : लोकतंत्र में सत्ता दल प्रस्ताव करता है, विपक्ष विरोध और संसद उस पर फैसला सुनाती है। यह बात उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने मंगलवार को राजधानी दिल्ली के अंबेडकर इंरटनेशनल सेंटर में लोकमत संसदीय पुरस्कार समारोह 2019 के दौरान कही। उन्होंने कहा कि सांसदों को लोकतंत्र में अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है लेकिन उन्हें संसदीय गरिमा के दायरे में अपनी बात रखनी चाहिए।
अध्यक्ष या सभापति के आसन के निकट पहुंचकर हंगामा करने वाले सांसदों को नसीहत देते हुए उन्होंने एनसीपी के नेता शरद पवार का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि पवार स्वयं या अपने दल के सांसदों को कभी सदन में अव्यवस्था फैलाने की अनुमति नहीं दी। इस अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव को उनकी अभूतपूर्व सेवा के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
इसके अलावा सर्वश्रेष्ठ सांसद सौगत राय, सर्वश्रेष्ठ महिला सांसद सुप्रिया सुले और पहली बार संसद पहुंची सर्वश्रेष्ठ महिला सांसद भारती प्रवीण पवार को भी ये पुरस्कार दिए गए। राज्यसभा से सर्वश्रेष्ठ सांसद तिरुचि शिवा, सर्वश्रेष्ठ महिला सांसद विप्लव ठाकुर और कहकशां परवीन को प्रथम बार चुनी गई सर्वश्रेष्ठ महिला सांसद के रूप में सम्मानित किया गया। इस दौरान लोकमत समाचार पत्र समूह के अध्यक्ष एवं पूर्व राज्यसभा सांसद विजय दर्डा ने कहा कि सांसद कई भूमिकाओं और जिम्मेदारियों का निर्वाह करते हैं। कानून बनाना उनमें से केवल एक है।
राजनीति में उनकी सबसे अहम भूमिका हमारे प्रतिनिधि के तौर पर है। लोकमत संसदीय पुरस्कार ज्यूरी बोर्ड के अध्यक्ष शरद पवार ने लोकमत की इस पहल की प्रशंसा करते हुए सासंदों का संसद में बेहतर योगदान करने का आवाहन किया। उन्होंने कहा कि यह प्रयास सांसदों को प्रोत्साहित कर संसद में बेहतर योगदान के लिए प्रेरित करेगा। इससे पहले कॉन्क्लेव में ‘भारतीय राजनीति में क्षेत्रीय दलों की भूमिका’ पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर, एआईएमआईएम के अध्यक्ष सांसद असदुद्दीन ओवैसी एवं केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने अपने विचार रखे।