नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बार विजयादशमी का समारोह लाल किले की किसी रामलीला में नहीं बल्कि द्वारका की एक लीला में मनाया। इसे लेकर दिल्ली में चर्चाओं का माहौल गर्म है। पीएम के द्वारका रामलीला में जाने की पटकथा पिछले तीन साल से लिखी जा रही थी। यह पटकथा लिख रहे थे पश्चिम दिल्ली के सांसद प्रवेश वर्मा। उनकी तीन साल की मेहनत रंग लाई। केवल इतना ही नहीं पीएम ने उन्हें लोकप्रिय सांसद कहकर अपना प्यार भी जताया। दिल्ली में पुरानी परंपरा रही है कि प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति लाल किला मैदान में होने वाले विजयादशमी समारोह में ही जाते रहे हैं। लेकिन इस बार ऐसा न हुआ।
प्रधानमंत्री पश्चिमी दिल्ली के द्वारका रामलीला में विजयादशमी समारोह में पहुंचे। प्रधानमंत्री के द्वारका आगमन के लिए सांसद प्रवेश वर्मा तीन साल से लगातार पत्र व्यवहार करके पीएम को आमंत्रित कर रहे थे। हर बार रामलीला के दिनों में प्रवेश प्रधानमंत्री को द्वारका के निमंत्रण की याद दिला देते थे। इस बार प्रवेश की मनोकामना पूरी हो गई, जब चार-पांच दिन पहले पीएम ऑफिस से फोन आया कि वह द्वारका आ रहे हैं।
इसके बाद जोर-शोर से तैयारी शुरू हो गई। प्रवेश वर्मा को यह भी याद था कि लाल किले के समारोह में हर बार पीएम का तीर-कमान कुछ गड़बड़ होने की वजह से तीर सही से चल नहीं पाता। इसके लिए उन्होंने दिल्ली आर्चरी एसोसिएशन के सचिव वीरेन्द्र सचदेवा से संपर्क साधा। वहां से तीरअंदाजी खेल में इस्तेमाल होने वाले विशेष तीन-कमान को मंगाकर सजाया गया। तभी तो जब पीएम ने तीर चलाया तो वह दूर तक गया। इस धनुष से तीर 50 मीटर तक जाता है।
वहीं, पीएम जब मंच पर पहुंचे तो उन्हें पगड़ी पहनाने की बात आई। इस पर पीएम ने पूछा कौन बांधेगा तो प्रवेश ने कहा कि मैं बांधूगा। इस पर पीएम ने पूछा प्रवेश तू बांध लेगा। चल आज जो तेरा दिल करे वह कर ले। प्रवेश ने पीएम मोदी की शानदार पगड़ी बांधी। वहीं, जब पीएम ने भाषण शुरू किया तो दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी का नाम लेने के बाद वह बोले यहां के लोकप्रिय सांसद हमारे मित्र भाई प्रवेश वर्मा तो इस बात पर पूरा मैदान तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। प्रवेश ने पीएम को गदा भी भेंट की। पूर्व विधायक राजेश गहलोत ने जोशीले अंदाज में मंच का संचालन किया।