नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय टीचर्स एसोसिएशन (डूटा) ने दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में शिक्षकों की स्थाई नियुक्ति की अपनी मांगों को लेकर मार्च के पहले सप्ताह से आंदोलन को तेज करेंगे। इसके लिए बकायदा एक रणनीति भी तय की गई है। इस बात की चर्चा मंगलवार को डीयू स्थित हंसराज कॉलेज सभागार में आयोजित डूटा की जीबीएम मीटिंग में हुई। स्थाई नियुक्तियां, पदोन्नति, सातवें वेतन आयोग और उससे जुड़ी यूजीसी रेजुलेशन ड्राफ्ट 2018 से संबंधित विसंगतियों के खिलाफ डूटा ने आगामी दिनों में संघन आंदोलन छेड़ने पर आम सहमति बनी। जीबीएम में डूटा द्वारा प्रस्तुत ड्राफ्ट में कुछ बिंदुओं पर शिक्षकों ने ऐतराज भी जताया और कहा कि ड्राफ्ट में उन बिंदुओं को रखा जाए जिससे शिक्षक ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।
डूटा द्वारा तैयार ड्राफ्ट में एससी, एसटी, ओबीसी व दिव्यांगों के मुद्दों को भी प्राथमिकता दी, जिससे लंबे समय से आरक्षित वर्गों के शिक्षकों की प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू हो सके। हंसराज कॉलेज में जीबीएम के बाद डूटा ने कैम्पस में मार्च निकाला और अंत में वीसी ऑफिस के बाहर नारेबाजी के साथ अगले रणनीति के लिए संकल्प लिया। इस दौरान उपस्थित शिक्षकों को संबोधित करते हुए डूटा अध्यक्ष राजीव रे ने कहा कि स्थाई नियुक्ति के लिए डूटा ने एक खाका तैयार किया है, जिस पर मार्च के पहले सप्ताह से आंदोलन को तेज किया जाएगा।
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