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तीसरी आंख से बच्चों व शिक्षकों पर रहेगी नजर

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नई दिल्ली: नए साल का आगाज हो और कुछ नया न हो, ऐसा तो हो नहीं सकता। नए साल पर सभी क्षेत्रों में कुछ न कुछ नया किया जाता है या नया करने की कोशिश रहती है। इसी कड़ी में शिक्षा के क्षेत्र में दिल्ली सरकार एक नया और महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। नववर्ष से सभी स्कूलों में शिक्षक और छात्रों पर अब तीसरी आंख नजर बनाए रखेगी। बच्चे पढ़ रहे हैं या नहीं, शिक्षक सही समय पर बच्चों को पढ़ाने आ रहे हैं या नहीं, यह सबकुछ तीसरी आंख में कैद होगा।

दरअसल एक जुलाई से दिल्ली सरकार सभी सरकारी स्कूलों में कैमरे लगवाने जा रही है। शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा और पढ़ाई को लेकर काफी सतर्क है इसलिए नए साल पर वह स्कूलों में काफी कुछ नई योजनाएं लागू करने जा रही है। इसमें कैमरे लगाने की योजना भी एक है। कैमरे लगाने का मकसद स्कूल में शिक्षा नीति को सही बनाए रखना है ताकि बच्चे और शिक्षक एक दूसरे के सहयोग से अच्छा प्रदर्शन कर सके।

प्रत्येक कक्षा में लगेंगे दो कैमरे
शिक्षा अधिकारी के मुताबिक स्कूलों के प्रत्येक कमरे में दो-दो कैमरे लगाए जाएंगे। इन कैमरों की रिकॉर्डिंग प्रिंसिपल के कमरे में लगे डिस्प्ले और रिकॉर्डिंग सिस्टम में होगी। पहले इन कमरों में केवल एक कैमरा लगाने की योजना बनाई गई थी लेकिन काफी सोच-विचार के बाद हर कमरे में कैमरे की संख्या एक से बढ़ाकर दो कर दी गई है। इसमें सभी गतिविधियां रिकॉर्ड होंगी।

सिंगापुर की कंपनी को दिया प्रोजेक्ट
स्कूलों के कमरों में कैमरे लगाए जाने का काम सिंगापुर की एक बड़ी कंपनी को दिया गया है। हालांकि यह काम अभी पाइपलाइन में है लेकिन जल्द ही दिल्ली सरकार की तरफ से इसकी औपचारिक घोषणा कर दी जायेगी। यह कैमरे आम कैमरों की तरह नहीं होंगे। यह हाई डेफिनेशन के कैमरे होंगे जिसमें शिक्षक और छात्रों पर नजर रखी जायेगी। शिक्षाविदों की नजर में इसे एक अच्छा कदम बताया जा रहा है।

क्यों पड़ी कैमरों की जरूरत
द्द बच्चों की संख्या पर नजर रखना द्द बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं या नहीं, यह देखना शिक्षक सही समय पर कक्षा में आ रहे हैं या नहीं। कोई बच्चा शिक्षकों के साथ मारपीट न कर सके। कक्षा में किसी के साथ असामाजिक व्यवहार न हो द्द परीक्षा के दिनों में कोई बच्चा नकल न कर सके। स्कूल में बच्चों के साथ होने वाली घटनाओं को रोका जा सके।

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– सिमरनजीत सिंह

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