आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा है कि सीबीआई निदेश पद से आलोक वर्मा को हटाने के मामले में उच्चतम न्यायालय के मंगलवार के फैसले से साबित हो गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राफेल घोटाले में जांच से बचने के लिए वर्मा को पद से हटाया था।
सिंह ने सरकार की कार्रवाई को अलोकतांत्रिक और नियमविरुद्ध बताते हुये कहा ‘‘कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) का प्रभार प्रधानमंत्री के पास है। प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई भी डीओपीटी के अधीन आती है, जिसका असंवैधानिक तरीके से उपयोग करने की कोशिश की गयी।’’
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सिंह ने कहा कि देश की जनता से झूठ बोलने और सर्वोच्च अदालत में झूठ बोलने के लिए, प्रधानमंत्री मोदी को देश की जनता और उच्चतम न्यायालय से माफी मांगनी चाहिए।
सामान्य वर्ग के लोगों को आर्थिक आधार पर आरक्षण देने के मोदी सरकार के फैसले पर सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी पर इस मामले में भी देश की जनता से झूठ बोलने का आरोप लगाया।
उन्होंने दलील दी कि उच्चतम न्यायालय द्वारा आरक्षण की 50 प्रतिशत सीमा को लांघने की जिस राज्य में कोशिश की गयी, उस पर अदालत ने रोक लगा दी गयी। उन्होंने कहा कि सामान्य वर्ग का आरक्षण भी जुमला साबित होगा।