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फिर याद आए पुराने साथी!

वर्ष 2015 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान ऑटो चालकों ने आम आदमी पार्टी के समर्थन में न केवल प्रचार किया, बल्कि सत्ता तक पहुंचाने में अहम भूमिका भी निभाई।

नई दिल्ली : वर्ष 2015 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान ऑटो चालकों ने आम आदमी पार्टी के समर्थन में न केवल प्रचार किया, बल्कि सत्ता तक पहुंचाने में अहम भूमिका भी निभाई। ऑटो चालकों का आम आदमी पार्टी के साथ शुरुआती दौर से ही गहरा नाता रहा है। वर्ष 2013 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भी ऑटो चालकों ने आप के समर्थन में प्रचार किया था। यहीं कारण है कि एक बार फिर से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ऑटो वालों के समर्थन जुटाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने ऑटो चालकों से जो वादा किया उसे निभाते हुए कुछ राहत दी है। 
संघर्ष के उन पुराने ऑटो चालक साथियों की अब अरविंद केजरीवाल को याद आई है। अपने पुराने वादों को पूरा करते हुए केजरीवाल सरकार ने ऑटो किराया बढ़ा दिया है। केजरीवाल के इस घोषणा से ऑटो चालक गदगद हैं। उनका कहना है कि केजरीवाल सरकार ने आखिरकार उनकी मांगों को मानते हुए पूरा किया है। वहीं दूसरी तरफ इसके पीछे की उनकी मंशा विधानसभा चुनाव में फिर से ऑटो चालकों का समर्थन हासिल करना है। लोकसभा में हार के बाद केजरीवाल सरकार ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ गंभीरता से समीक्षा की। 
इसके बाद केजरीवाल को अपने पुराने दोस्तों की याद आई। केजरीवाल ने अपने आंदोलन वाले दिनों को याद किया। उस वक्त जो लोग इनके समर्थन में थे, उन दिनों की यादें ताजा की। यही वजह रहा था जब केजरीवाल किसी भी आंदोलन की बु​नियाद रखते तब उनके साथ ऑटो चालक कदम से कदम मिलाकर उनका समर्थन में खड़ी रहती। पूर्ण बहुमत की सरकार में ऑटो चालकों का भारी समर्थन रहा था, जिसके बाद ही आम आदमी पार्टी ने ऑटो रिक्शा और ई-रिक्शा प्रकोष्ठ का भी गठन किया था। ऑटो चालकों की मांग के बाद केजरीवाल सरकार ने अच्छा-खासा 18 फीसदी किराया बढ़ा दिया। 
ट्रैफिक पुलिस मामले में मिला था केजरीवाल का समर्थन 
छह साल पहले ऑटो वालों ने केजरीवाल से मदद के तौर पर कहां था कि रास्ते में ट्रैफिक पुलिस वाले उन्हें तंग करते हैं। इसके बाद केजरीवाल ने खुले तौर पर ऑटो चालकों को कहा था कि अगर ट्रैफिक वाले पैसे मांगें तो मना मत करना और वीडियो बना लेना। उस वीडियो को मुझे भेज ​देना। इसके बाद ऑटो चालक केजरीवाल के कायल हो गए थे। केजरीवाल जहां भी जाते उनके पीछे ऑटो वालों का पूरा समर्थन रहता था। 
चुनाव के दौरान ऑटो वालों ने अपने वाहन के पीछे फ्री में आम आदमी पार्टी का विज्ञापन लगाकर प्रचार किया था। इसके बाद दिल्ली के लोगों ने केजरीवाल को अपना भरपूर समर्थन किया और केजरीवाल ने ऐतिहासिक जीत हासिल की। 
बढ़ा ऑटो किराया वसूलने में अभी लगेंगे डेढ़ माह
दिल्ली सरकार द्वारा बढ़ाए गए ऑटो किराया भले ही मंगलवार से लागू कर दिया गया, लेकिन इस किराए को वसूलने में आटो वालों को राजधानी की सड़कों पर लोगों से जद्दोजहद करनी पड़ सकती है। दरअसल सरकार ने चुनाव से पहले अपने वादे के मुताबिक ऑटो का किराया बढ़ा दिया, लेकिन इसका फायदा ऑटो वाले को डेढ़ माह बाद मिलेगा। क्योंकि किराया बढ़ने के साथ ही ऑटो मीटर सॉफ्टवेयर में जरूरी बदलाव किया जाना है। इस प्रक्रिया में डेढ़ माह लगने की संभावना है। 
ऐसे में ऑटो चालकों को एक चार्ट की मदद से बढ़ा हुआ किराया वसूलना होगा, हालांकि यह चार्ट किस आधार पर काम करेगा यह जल्द ही दिल्ली सरकार की घोषणा के बाद साफ हो पाएगा। ऑटो चालकों का आरोप है कि सरकार ने अभी तक ऑटो किराया को लेकर चार्ट तैयार नहीं किया है। ऐसे में वो असमंजस में हैं और नियम के तहत बढ़ा हुआ किराया मांग रहे हैं। इस बढ़े किराए को लेकर अक्सर लोग झगड़ रहे हैं। 
दिल्ली ऑटो रिक्शा संघ के महामंत्री राजेन्द्र सोनी ने कहा कि अगर सरकार ने ऑटो का किराया बढ़ाया तो उन्हें टैक्सियों का भी किराया बढ़ाना चाहिए था। दिल्ली में हरियाणा, यूपी समेत अन्य राज्यों की टैक्सियां धड़ल्ले से चल रही है। सरकार इन टैक्सियों कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। ऐसे में लोग ऑटो की जगह टैक्सी को अपनाएंगे, जो चालकों के लिए घाटे का सौदा होगा। 

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