नई दिल्ली : दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को महिला सुरक्षा के मुद्दे पर दिल्ली के करीब 22 लाख छात्र-छात्राओं के साथ संवाद किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सभी छात्रों को महिला सम्मान की शपथ दिलाई। साथ ही छात्राओं से अपने भाइयों को महिला सम्मान की शपथ दिलाने की अपील की, ताकि महिलाओं के प्रति उनकी सोच बदली जा सके।
मुख्यमंत्री ने सभी स्कूलों के शिक्षकों से कहा कि वे 26 दिसंबर को छात्राओं से उनके परिवार की प्रतिक्रिया की जानकारी लें और हर तीन-चार माह के अंतराल पर महिला सुरक्षा पर छात्र-छात्राओं से चर्चा करते रहें। मुख्यमंत्री ने अभियान के बारे में ट्वीट कर कहा कि हमें ऐसी दिल्ली बनानी है, जहां रात को भी महिलाएं बिना किसी डर के घर से निकल सकें।
दिल्ली के शक्ति नगर स्थित स्कूल में आयोजित महिला सुरक्षा पर संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि हम लोग बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा करने के लिए एकत्र हुए हैं।
कानून को सख्त करना होगा… मुख्यमंत्री केजरीवाल ने छात्रों की बात सुनने के बाद कहा कि आप सभी से बात करके मोटे-मोटे तौर पर यह निकल कर आया कि लोगों के अंदर डर नहीं है, जो लोग भी यह गलत काम करते हैं। उन्हें कानून का डर नहीं है कि वे पकड़े जाएंगे और उनको सजा होगी। ऐसे लोगों को पुलिस का डर नहीं है। कई बार देखने को मिलता है कि जो पीडि़ता है, उसकी पुलिस मदद नहीं करती है। गलत काम करने वाला या तो पावरफुल होता है या फिर पैसे दे देता है। कानून में सख्ती लाने की जरूरत है।
सोच बदलने की जरूरत : सिसोदिया
छात्र-छात्राओं से संवाद करते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि जिस नजर से हम अपने घर की मां-बहनों को देखते हैं, वैसे ही सभी को अन्य लड़कियों को भी देखना चाहिए। कानून का सख्त पालन होना चाहिए। व्यवस्थाएं ठीक होनी चाहिए, लेकिन सिर्फ इससे ही काम नहीं चलने वाला है।
इसे पूरी तरह रोकने के लिए हमें अपनी मानसिकता या सोच बदलनी चाहिए। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि किसी गली या नुक्कड़ पर चार-पांच लड़के हैं और उनमें से एक भी लड़का किसी लड़की को कुछ गलत बोलता है, तो सभी लोग बदनाम होते हैं।
सोच कर देखिए कि जब झुंड बनाकर कोई हरकत करते हैं, तो वहां से गुजर रही लड़की पर क्या गुजरती होगी। हमें अपनी सोच बदलनी होगी। उस सोच को कानून से डराया जा सकता और शिक्षा से बदला जा सकता है। स्कूल स्तर से ही लड़के-लड़कियों से इस पर बात करनी चाहिए।