उत्तरपूर्वी दिल्ली में लगातार तीन दिन तक हुए हिंसा के बाद शनिवार सुबह हालात शांतिपूर्ण है। स्थानीय निवासी इस सप्ताह की शुरुआत में इलाके में हुए साम्प्रदायिक दंगों में पहुंचे नुकसान से धीरे-धीरे उबरने की कोशिश कर रहे हैं। सुरक्षाकर्मी फ्लैग मार्च निकाल रहे हैं और स्थानीय लोगों का डर खत्म करने के लिए रोज उनसे बातचीत कर रहे हैं।
हिंसा की किसी भी साजिश को नाकाम करने के लिए दिल्ली पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्स के जवानों ने रात भर हिंसा ग्रस्त इलाको में गश्त किया। वे स्थानीय निवासियों से सोशल मीडिया पर अफवाहों पर ध्यान न देने तथा उसकी पुलिस में शिकायत करने का अनुरोध कर रहे हैं।
इस बीच, सूत्रों ने बताया कि दिल्ली सरकार एक व्हाट्सएप नंबर जारी करने पर विचार कर रही है जिस पर लोग इस मैसेजिंग एप पर प्रसारित किए जा रहे घृणा संदेशों के बारे में शिकायत कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि सरकार लोगों से ऐसे संदेश आगे न भेजने की अपील करेगी क्योंकि समुदायों के बीच शत्रुता पैदा करने वाले ऐसे संदेशों को प्रसारित करना एक अपराध है। इस कदम का मकसद सोशल मीडिया पर अफवाहों से निपटना है।
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दंगा पीड़ितों के रिश्तेदार जीटीबी अस्पताल के मुर्दाघर के बाहर अपने परिजन के शव मिलने के लिए इंतजार में बैठे हैं। उत्तरपूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, चांदबाग, शिव विहार, भजनपुरा, यमुना विहार इलाकों में हिंसा में कम से कम 42 लोगों की मौत हो गई और 200 से अधिक लोग घायल हो गए। संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचा है। उग्र भीड़ ने मकानों, दुकानों, वाहनों, एक पेट्रोल पम्प को फूंक दिया और स्थानीय लोगों तथा पुलिस कर्मियों पर पथराव किया।