वायु प्रदूषण में वृद्धि के मद्देनजर, केंद्र के वायु गुणवत्ता आयोग ने शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर में चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्रवाई योजना (जीआरएपी) के तीसरे चरण के तहत प्रतिबंधों को लागू करने का निर्देश दिया। अधिकारियों ने बताया कि इसके तहत गैर-जरूरी निर्माण और विध्वंस कार्य पर प्रतिबंध भी शामिल है।
दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शुक्रवार को 399 पर रहा, जो गंभीर श्रेणी से सिर्फ दो पायदान नीचे है। उल्लेखनीय है कि 201 और 300 के बीच एक्यूआई ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 और 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है।
वायु प्रदूषण विरोधी उपायों का एक सेट
जीआरएपी पर उप-समिति ने एक समीक्षा बैठक में कहा कि एक्यूआई के शांत हवाओं और स्थिर वायुमंडलीय स्थितियों के कारण गंभीर श्रेणी में आने की संभावना है। इसने दिल्ली-एनसीआर में अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से प्रदूषण विरोधी योजना के तीसरे चरण के तहत प्रतिबंधों को लागू करने का निर्देश दिया। जीआरएपी स्थिति की गंभीरता के अनुसार राजधानी और इसके आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण विरोधी उपायों का एक सेट है।
जीआरएपी के मुताबिक
यह दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता को चार अलग-अलग चरणों में वर्गीकृत करता है: चरण एक – ‘खराब’ (एक्यूआई 201-300); चरण दो – ‘बहुत खराब’ (एक्यूआई 301-400); चरण तीन – ‘गंभीर’ (एक्यूआई 401-450); और चरण चार – ‘गंभीर प्लस’ (एक्यूआई 450 से ज्यादा)। जीआरएपी के मुताबिक, यदि एक्यूआई के गंभीर श्रेणी में पहुंचने का अनुमान है, तो तीसरे चरण के तहत प्रतिबंधात्मक कार्रवाई कम से कम तीन दिन पहले शुरू की जानी चाहिए।
बिजली के कार्यों की अनुमति
तीसरे चरण के तहत प्रतिबंधों में दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में गैर-आवश्यक निर्माण और विध्वंस, स्टोन क्रशर और खनन गतिविधियों को बंद करना शामिल है। गैर-प्रदूषणकारी गतिविधियों जैसे नलसाजी (प्लमिंग), बढ़ईगीरी, आंतरिक साज-सज्जा और बिजली के कार्यों की अनुमति है।