नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को तिहाड़ जेल की सीसीटीवी और रिक्त पदों की स्टेट्स रिपोर्ट देखने के बाद पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग), जेल डीजी के अतिरिक्त सचिव और डीएसएसएसबी (दिल्ली अधिनस्थ सेवा चयन बोर्ड) को जमकर फटकार लगाई। जस्टिस एस मुरलीधर और जस्टिस विनोद गोयल की बेंच ने पीडब्ल्यूडी और जेल प्रशासन को सीसीटीवी लगाने की योजना पर समय सीमा तय करने और डीएसएसएसबी को भारी संख्या में जेल के खाली पदों को भरने के आदेश सुनाए। बेंच इस मामले की अगली सुनवाई अब 28 नवंबर 2018 को करेगी। जिसमें कोर्ट के समक्ष रिपोर्ट पेश करनी होगी।
क्या था मामला… इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता एचएस बिंदी ने हाईकोर्ट में तिहाड़ जेल की सुरक्षा में लापरवाही को लकर जनहित याचिका लगाई। यह याचिका तब डाली गई थीं। जब पैरामिलिट्री फोर्स के कुछ लोगों ने कैदियों की पिटाई कर दी थी। जिसमें 18 कैदी घायल हुए थे। हाईकोर्ट ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए एक कमेटी का गठन किया था। कमेटी ने जब पूरी घटना की सीसीटीवी फुटेज निकाली तो पता चला कि फुटेज पूरी नहीं है। रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि जेल में जिस जगह पर यह घटना हुई वह पूरी तरह से सीसीटीवी से कवर नहीं थी। कमेटी ने अपनी जांच में यह भी पाया है कि जेल में फिलहाल सीसीटीवी फुटेज सिर्फ 1 हफ्ते के लिए ही रखी जाती थी। जबकि कमेटी के मुताबिक, सीसीटीवी फुटेज 1 महीने के लिए सुरक्षित रखा जाना चाहिए। वहीं यह भी पाया गया कि जेल में भारी संख्या में पद खाली पड़े हैं। जिन्हें भरने की कार्रवाई भी काफी लंबे समय से नहीं हुई। इस पर ही हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई में स्टेट्स रिपोर्ट मांगी थीं।
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इतने कैमरे लगेंगे…
याचिकाकर्ता और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के वकील हरप्रीत सिंह होरा ने बताया कि तिहाड़ में करीब 900 कैमरे ही लगे हैं। जबकि 5600 सीसीटीवी कैमरे वहां पर स्थापित करने हैं। इसके तहत ही कोर्ट की ओर से आदेश जारी किए गए कि इनके लिए योजना के हिसाब से समय सीमा तैयार कर जल्द से जल्द इन्हें लगाया जाए। वहीं भारी संख्या में रिक्त पदों को तुरंत भरने के आदेश दिए गए।
ये फायदा होगा…
वकील हरप्रीत सिंह होरा ने बताया कि तिहाड़ जेल में संगीन आरोपों में गिरफ्तार कैदी रखे जाते हैं। जिनमें आतंकी भी शामिल हैं। ऐसे में इन सीसीटीवी से उन पर नजर रखी जा सकेगी। वहीं वीिडयो कांफ्रेंसिंग के जरिए उनको कोर्ट में पेश किया जा सकेगा। इससे उनको कोर्ट लेकर जाने व लेकर आने का खर्च भी बचेगा। और इससे जेल की सुरक्षा भी पुख्ता होगी। और भी कई कार्यों में इनका लाभ जेल प्रशासन एवं सरकार को मिलेगा।
– इमरान खान