20 दिसंबर, मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्य ने राजसभा में आरोप लगाते हुए सदन से चले गए। TMC सदस्यों का कहना है की, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) जांच के लिए सिर्फ विपक्ष शासित राज्यों का दौरा करता है, भाजपा शासित उत्तर प्रदेश तथा गुजरात का दौरा नहीं करता।
तृणमूल कांग्रेस सदस्यों का आरोप
TMC की ‘डोला सेन’ ने शून्यकाल में अपना मुद्दा उठाते हुए कहा कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए, केंद्र की ओर से कोष जारी करने में अक्सर विलंब होता है। उन्होंने कुछ योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि विलंब की वजह से काम प्रभावित होता है।
तृणमूल कांग्रेस सदस्यों का आरोप
TMC की ‘डोला सेन’ ने शून्यकाल में अपना मुद्दा उठाते हुए कहा कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए, केंद्र की ओर से कोष जारी करने में अक्सर विलंब होता है। उन्होंने कुछ योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि विलंब की वजह से काम प्रभावित होता है।
आगे उन्होंने कहा,‘‘योजनाओं में केंद्र राज्य की हिस्सेदारी में बहुत अंतर है। अगर राज्य के ऊपर बड़ी हिस्सेदारी आती है तो क्यों न हमें इन योजनाओं का नाम अपने अनुसार रखना चाहिए।’’ डोला सेन ने जब यह मुद्दा उठाया, उस समय शून्यकाल समापन के करीब था। उन्होंने यह भी कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि ‘राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग’ के प्रतिनिधि जांच के लिए बिहार जा रहे हैं और वे पश्चिम बंगाल सहित विभिन्न राज्यों का दौरा करते हैं, लेकिन वे उत्तर प्रदेश और गुजरात का दौरा नहीं करते। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के सदस्य इस पर विरोध जताते हुए सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करते हैं।
सदन से बहिर्गमन
इसके बाद तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए। कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्य भी सदन से चले गए। इससे पहले राष्ट्रीय जनता दल के ‘प्रो. मनोज झा’ ने भी यह मुद्दा उठाना चाहा था, लेकिन उन्हें आसन की ओर से इसकी अनुमति नहीं मिली।
सदन से बहिर्गमन
इसके बाद तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए। कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्य भी सदन से चले गए। इससे पहले राष्ट्रीय जनता दल के ‘प्रो. मनोज झा’ ने भी यह मुद्दा उठाना चाहा था, लेकिन उन्हें आसन की ओर से इसकी अनुमति नहीं मिली।