दिल्ली में 26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद सामने आए टूलकिट मामले में रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं। इस मामले में दो लोगों की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस ने जूम मीटिंग ऐप को पत्र लिखकर, टूलकिट को लेकर 11 जनवरी को हुई ऑनलाइन मीटिंग की जानकारी मांगी।
पुलिस का आरोप है कि गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में हुई हिंसा से कुछ दिन पहले ‘जूम’ ऐप पर ऑनलाइन मीटिंग में मुम्बई की वकील निकिता जैकब और पुणे के इंजीनियर शांतनु सहित 70 लोगों ने हिस्सा लिया था। इस हिंसा में 500 से अधिक पुलिस कर्मी घायल हो गए थे और एक प्रदर्शनकारी की मौत हुई थी।
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अधिकारी ने कहा, ‘‘दिल्ली पुलिस ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ऐप ‘जूम’ को पत्र लिख, 11 जनवरी को ऑनलाइन बैठक में शामिल हुए लोगों के संबंध में जानकारी मांगी है।’’ संयुक्त पुलिस आयुक्त (साइबर) प्रेम नाथ ने सोमवार को आरोप लगाया था कि जैकब और शांतनु ने गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा से 15 दिन पहले, 11 जनवरी को ‘खालिस्तान समर्थक समूह’ पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन (पीएफजे) द्वारा ऑनलाइन जूम ऐप के माध्यम से आयोजित एक बैठक में भाग लिया था।