दिल्ली में 26 जनवरी को हिंसा के बाद सामने आए टूलकिट मामले में पुलिस रोजाना नए खुलासे कर रही है। दो लोगों की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस ने जूम मीटिंग ऐप को पत्र लिखकर, इस मामले में 11 जनवरी को हुई ऑनलाइन मीटिंग की जानकारी मांगी। वहीं ‘टूलकिट’ मामले में वांछित शांतनु मुलुक 20 और 27 जनवरी के बीच टिकरी बॉर्डर पर मौजूद था।
21 वर्षीय जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि से पूछताछ के दौरान इस जानकारी का पता चला। रवि को शनिवार को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, शांतनु मुलुक के अलावा, कई अन्य कार्यकर्ता 26 जनवरी को दिल्ली में मौजूद थे, जब किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किला हिंसा भड़क उठी थी।
दिल्ली पुलिस ने पहले से ही सॉफ्टवेयर फर्म जूम को यह पता लगाने के लिए लिखा है कि 11 जनवरी को खालिस्तान पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन द्वारा आयोजित वर्चुअल जूम मीटिंग में कौन-कौन से कार्यकर्ता शामिल हुए थे, जिसमें ‘ग्लोबल डे ऑफ एक्शन’ के तौर-तरीकों पर काम किया गया था और उस जूम मीटिंग में तय की गई कार्रवाई के आधार पर निकिता जैकब, शांतनु, दिशा और अन्य ने मिलकर ‘टूलकिट’ दस्तावेज का मसौदा तैयार किया।
दिल्ली पुलिस इस बात की भी पुष्टि कर रही है कि क्या बैठक में वैश्विक जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने भी भाग लिया था। सूत्रों के अनुसार, बैठक में भारत और विदेश के लगभग 60 से 70 लोगों ने भाग लिया। पुलिस ने कहा कि कनाडा स्थित प्रो-खालिस्तान संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के संस्थापक धालीवाल ने गणतंत्र दिवस से पहले ट्विटर पर कनाडाई नागरिक पुनीत के जरिए निकिता से संपर्क किया था, ताकि ट्विटर पर एक पक्ष में लगातार ट्वीट किए जा सकें।
सूत्रों के मुताबिक, साजिश में एक अन्य महिला अनीता लाल का नाम भी शामिल है। दिल्ली पुलिस की ओर से जांच के दौरान मामले में और गिरफ्तारी किए जाने की संभावना है।