देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले किसानों का आंदोलन आज भी जारी है। केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठन आज कोंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेसवे पर ट्रैक्टर मार्च निकाला गया। किसान संगठनो का कहना है कि ये मार्च 26 जनवरी को होने वाले ट्रैक्टर परेड की रिहर्सल है।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की अगुवाई में गाजीपुर बॉर्डर से पलवल तक किसान ट्रैक्टर मार्च निकाला गया। इस दौरान टिकैत ने कहा, ये सरकार के खिलाफ किसान भाइयों का गुस्सा है, सरकार को किसानों की बात सुननी चाहिए। ये तो सरकार को सोचना है कि कितनी जल्दी बात खत्म कर सकते हैं। हम तो बस कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
हालांकि इस मार्च को देखते हुए पुलिस प्रशासन की तरफ से एडवाइजरी भी जारी की गई है। ताकि आम लोगों को किसी तरह की कोई परेशानी न हो। पुलिस प्रशासन ने कहा, यह ट्रैक्टर यात्रा ईस्टर्न पेरीफेरल रोड पर दुहाई, डासना, बील अकबरपुर, सिरसा होते हुए पलवल तक जाएगी और वहां से वापस आएगी।
इस दौरान बील अकबरपुर और सिरसा कट से पलवल की तरफ जाने वाले वाहन 12 बजे दिन से सायं 3 बजे तक पेरीफेरल रोड पर नहीं जा पाएंगे, इनको डाइवर्ट किया जाएगा। इसी प्रकार सिरसा कट और बील अकबरपुर से सोनीपत की तरफ जाने वाले वाहन 2 बजे से 5 बजे तक पेरीफेरल रोड पर नहीं जा पाएंगे, उन्हें डाइवर्ट किया जाएगा।
बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी देने की मांग को लेकर किसान 26 नवंबर 2020 से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं।
इस मसले के समाधान के लिए किसानों की सरकार के साथ सातवें दौर की वार्ता सोमवार को बेनतीजा रहने के बाद अब अगले दौर की वार्ता आठ जनवरी को तय की गई है।