दक्षिणी दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। जामिया से शुरू हुआ यह प्रदर्शन अब हजरत निजामुद्दीन इलाके तक पहुंच गया है। रविवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान सैकड़ों स्थानीय नागरिकों के समर्थन में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद भी पहुंचे।
मंच पर पहुंचते ही खालिद ने अपने ही अंदाज में आजादी के नारे लगाकार माहौल में गर्मी पैदा कर दी। उन्होंने मंच से केंद्र सरकार के खिलाफ एक बाद एक कई आरोप लगाए। उन्होंने मंच से ही कहा कि चाहे जितना भी जुल्म कर लो लेकिन लेकर रहेंगे आजादी। इस दौरान उन्होंने मीडिया पर भी सवाल उठाए।
एक मीडिया एक तरफा पत्रकारिता कर रही है। ऐसा नहीं होना चाहिए। खालिद जब तक मंच पर रहे उनके द्वारा लगाए आजादी के नारों के बीच भीड़ अधिक संख्या में जुटती रही। बताते चलें कि जब से नागरिकता संशोधन कानून राज्यसभा व लोकसभा में पास किया गया। तब से खालिद सोशल साइट पर इसका विरोध कर रहे हैं। जामिया के छात्रों पर पुलिस द्वारा भांजी गई लाठियां पर दिल्ली पुलिस का विरोध किया था।
शांति पूर्ण रूप से रहा प्रदर्शन
नाजिम अली निजामी ने बताया कि प्रदर्शन शांति पूर्ण रहा है। यहां पर भाईचारे का संदेश देने के लिए हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाई पहुंचे थे। हम सभी ने सीएए व एनआरसी के खिलाफ विरोध जताया है। विरोध प्रदर्शन के दौरान सभी लोगों ने शांति बनाई रखी है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा किसी मजहब को लेकर बनाए गया कानून काला कानून है। जिसका हम आखिरी दम तक विरोध करते रहेंगे। उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में एक ज्ञापन राष्ट्रपति के नाम स्थानीय एसएचओ को सौंप दिया है। ज्ञापन के द्वारा मांग की गई है कि इस कानून को वापस लिया जाए। इस दौरान लोगों के द्वारा हिन्दुस्तान जिंदाबाद के नारे भी लगाए गए।