दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए लोगों द्वारा आयोजित ऑक्सीजन कंसंट्रेटर पर केंद्र की तरफ से लगाए गए एकीकृत माल एवं सेवा कर (आईजीएसटी) को असंवैधानिक करार दिया। न्यायाधीश राजीव शकधर और न्यायाधीश तलवंत सिंह ने इस संदर्भ में वित्त मंत्रालय की एक मई को जारी अधिसूचना को खारिज कर दिया।
अधिसूचना में कहा गया था कि व्यक्तिगत उपयोग के लिये आयातित ऑक्सीजन कंसंट्रेटर पर 12 प्रतिशत आईजीएसटी लगेगा, फिर चाहे वह उपहार के रूप में या अन्य किसी तरीके आया हो। अदालत ने साथ में यह भी निर्देश दिया कि ऐसे लोगों को लिखित में देना होगा कि उन्होंने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का आयात व्यक्तिगत उपयोग के लिए किया है न कि वाणिज्यिक इस्तेमाल के उद्देश्य से।
अदालत ने उपहार स्वरूप व्यक्तिगत उपयोग के लिए बाहर से भेजे गए (आयातित) ऑक्सीजन कंसंट्रेटर पर आईजीएसटी लगाए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्णय दिया। इससे पहले, अदालत ने मामले में निर्देश दिया था कि 85 साल के व्यक्ति द्वारा आयातित ऑक्सीजन कंसंट्रेटर सीमा शुल्क अधिकारी उसे जारी करें। यह निर्देश इस शर्त पर दिया गया था कि व्यक्ति उस पर देय आईजीएसटी के बराबर राशि अदालत में जमा करे।
पीठ ने अदालत में जमा वह राशि ब्याज के साथ संबंधित व्यक्ति को लौटाने को कहा। इससे पहले, अदालत ने कोविड संक्रमण से पीड़ित वरिष्ठ नागरिक की याचिका पर नोटिस जारी कर केंद्र से इस बाबत जवाब मांगा था। बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा था कि उसके रिश्तेदार ने अमेरिका से उपहार स्वरूप उसके लिए कंसंट्रेटर भेजा है ताकि उसका इलाज बेहतर हो सके।
याचिकाकर्ता ने व्यक्तिगत उपयोग के लिए आयातित ऑक्सीजन कंसंट्रेटर पर आईजीएसटी लगाए जाने को चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया था कि कोविड-19 महामारी के दौरान इस जरूरी उपकरण का देश में पहले से कमी है, ऐसे में व्यक्तिगत उपयोग के लिए आयातित ऑक्सीजन कंसंट्रेटर पर आईजीएसटी लगाना अनुचित है।