Delhi: राजधानी दिल्ली में हर रोज लोगों की एक जगह से दूसरे स्थानों की आवाजाही को सुनिश्चित करने में दिल्ली परिवहन निगम के क्लस्टर बसों की भूमिका काफी अहम है। इसके जरिए हजारों यात्रियों को एक स्थान से दूसरे तक जाने में बहुत आसानी होती है, लेकिन आपको बता दें कि हाल ही में कंपनी का कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद तीन क्लस्टरों के 330 बसों को सड़कों से हटा लिया गया है, जिसके बाद से उन बसों के ड्राईवर और कंडक्टरों के सिर पर बेरोजगारी की तलवार लटक गई है। इस बात को लेकर क्लस्टर बसकर्मियों में असंतोष चरम पर है। इतना ही नहीं उनकी नाराजगी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ये लोग सुनहरी पूला डिपो पर सरकार के फैसले के खिलाफ प्रोटेस्ट भी कर चुके हैं।
बसों के लिए लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है
आपको बता दें कि बिना काम के घर बैठे ड्राईवर-कंडक्टरों ने चेतावनी दी थी कि अगर सोमवार तक उन्हें कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला, तो वे लोग दिल्ली सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे। इस बाबत सोमवार को सुनहरी पूला डिपो में ड्राइवरों की एक मीटिंग भी बुलाई गई है। बैठक के बाद फिर से प्रोटेस्ट भी किया जाएगा। क्लस्टर बसों के ड्राईवर और कंडक्टरों का सरकार से सीधा सवाल है कि सरकार उन्हें किसी अन्य डिपो में शिफ्ट करके या नई कंपनी के साथ अटैच रोजगार को सुनिश्चित करेगी या नहीं? साथ ही बकाया सैलरी और ग्रैच्युटी को लेकर भी वे लोग परेशान हैं। उनका कहना है कि सरकार इस बारे में भी स्थिति स्पष्ट करे. बस ड्राईवरों का दावा है कि एक साथ इतनी सारी बसों के सड़कों से हटने के कारण लोगों को काफी दिक्कत हो रही है. कई रूटों पर बसों के लिए लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।
क्लस्टर बसों के ड्राईवरों का आरोप है
दरअसल, क्लस्टर बसों के ड्राईवरों का आरोप है कि न केवल उन्हें नौकरी से हटा दिया गया बल्कि उनकी बकाया सैलरी भी अभी तक नहीं दी गई है। इसकी वजह से बसकर्मियों का घर चलाना काफी मुश्किल हो गया है।साथ ही बसकर्मियों का कहना है कि डीटीसी के अधिकारी उन्हें लगातार यही आश्वासन दे रहे हैं कि एक-दो दिन में समस्या का समाधान हो जाएगा, लेकिन 10 दिन से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी अभी तक कोई हल नहीं निकला है। ऐसे में कुछ कर्मीं तो मायूस हो कर अपने गांव लौट गए हैं, तो कुछ नए काम की तलाश में जुट गए हैं। वहीं, कुछ इस उम्मीद में है कि शायद उन्हें फिर से यह काम मिल जाए।
ट्रांसपोर्ट विभाग के सूत्रों का कहना है
तो वहीं दूसरी तरफ ट्रांसपोर्ट विभाग के सूत्रों का कहना है कि जरूरत के अनुसार इन तीनों क्लस्टरों के ड्राईवर-कंडक्टरों व अन्य कर्मचारियों को दूसरे डिपो में शिफ्ट किया जा रहा है। इसके अलावा, जिस नई कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है, वह भी जल्द ही हायरिंग शुरू करेगी, जिसके बाद सभी को काम मिल जाएगा। बकाया सैलरी का भुगतान भी जल्द से जल्द करने के निर्देश दिए गए हैं।