दिल्ली सरकार ने केंद्रीय बजट को दिल्ली की दो करोड़ आबादी के साथ सौतेला व्यवहार बताया है। केजरीवाल सरकार ने कहा है कि दिल्ली को बजट में केवल 325 करोड़ रुपए मिले हैं, जबकि दिल्ली के लोग 1.5 लाख करोड़ रुपए का टैक्स केंद्र सरकार को देते हैं।
दिल्ली के उपमुख्यंत्री एवं वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय बजट 2021-22 पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “केंद्र सरकार ने बजट में दिल्ली को फिर निराश किया है। दिल्ली को बजट में केवल 325 करोड़ रुपए मिले हैं, जबकि दिल्ली के लोग 1.5 लाख करोड़ रुपए का टैक्स केंद्र सरकार को देते हैं। केंद्र सरकार ने भाजपा शासित एमसीडी को एक रुपया भी नहीं दिया है। वहीं देश भर के नगर निगमों के लिए 2 लाख करोड़ रुपए दिए गए हैं। एमसीडी चुनाव के वक्त भाजपा ने कहा था कि वे केंद्र सरकार से सीधे एमसीडी के लिए पैसा लाएंगे।”
सिसोदिया ने बजट पर कहा, “उम्मीद थी कि दिल्ली के विकास और लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के बदले दिल्ली को मिलने वाले अनुदान में वृद्धि करेगी। लेकिन केंद्रीय बजट से दिल्ली को मायूसी मिली है। दिल्ली सरकार को केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के बदले मिलने वाला अनुदान पिछले दो दशकों से बिना बढ़ोत्तरी के केवल 325 करोड़ रुपए ही रखा गया है। दिल्ली को केंद्रीय करों में मिलने वाली हिस्सेदारी 2001-02 से नहीं बढ़ाई गई है, जबकि विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं को फंड देने के लिए दिल्ली भी केंद्रीय करों में अपनी हिस्सेदारी की बराबर हकदार है।”
वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार ने दिल्ली को मिलने वाले कुल अनुदान, ऋण और हस्तांतरण के बजट को कम कर दिया है। इससे पहले दिल्ली सरकार को केंद्रीय बजट से कुल अनुदान, ऋण या हस्तांतरण के रूप 1116 करोड़ मिला था, जिसे घटा कर 957 करोड़ रुपए कर दिया गया है। दिल्ली के वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने भाजपा शासित दिल्ली नगर निगमों को भी बीच मझधार में छोड़ दिया है।
सिसोदिया के मुताबिक आर्थिक संकट से जूझ रहे नगर निगमों को केंद्रीय बजट से मदद मिलने की उम्मीद की जा रही थी। दिल्ली सरकार ने भी केंद्र सरकार से दिल्ली नगर निगमों को आर्थिक संकट से उबारने के लिए 12 हजार करोड़ रुपए की मांग की थी, इसके बावजूद केंद्र सरकार ने दिल्ली नगर निगमों के लिए एक रुपए का आवंटन नहीं किया है।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार ने डिजॉस्टर रिस्पॉन्स का अनुदान भी कम कर दिया है। पिछली बार दिल्ली को इस मद में 161 करोड़ रुपए मिले थे, लेकिन इस बार इसे घटा कर मात्र 5 करोड़ रुपए कर दिया गया है। साथ ही, केंद्र सरकार ने विभिन्न परियोजनाओं को गति देने के लिए मिलने वाली अतिरिक्त केंद्रीय सहायता को शून्य कर दिया है, जबकि इससे पहले दिल्ली को इन परियोजनाओं के लिए 150 करोड़ रुपए अतिरिक्त केंद्रीय सहायता दी गई थी।
उन्होंने कहा कि संवैधानिक रूप से दिल्ली के समान, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को दिल्ली को मिले 957 करोड़ के मुकाबले 30757 करोड़ रूपए का आवंटन किया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री सहित दिल्ली के सभी 10 सांसदों को केंद्रीय बजट पास होने से पहले दिल्ली के नागरिकों के अधिकारियों के लिए संघर्ष करना चाहिए।