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अपराध पर लगाम लगाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री शाह का सुझाव, NCRB के आंकड़ों का हो सही विश्लेषण

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को सभी राज्यों को अपनी वार्षिक अपराध नियंत्रण रणनीति बनाने के लिए राएनसीआरबी द्वारा समानुक्रमित किए गए आंकड़ों का इस्तेमाल करने की अपील की।

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को सभी राज्यों को अपनी वार्षिक अपराध नियंत्रण रणनीति बनाने के लिए राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा समानुक्रमित किए गए आंकड़ों का इस्तेमाल करने की अपील की। केन्द्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि अगर एनसीआरबी के आंकड़ें सही वक्त पर सही व्यक्ति को उपलब्ध कराए जाएं,अगर सही प्रारूप में रखें जाएं और अगर इनके सही विश्लेषण और प्रबंधन के लिए कोई प्रणाली इस्तेमाल की जाए तो इनकी मदद से अगले पांच वर्ष में अपराध दर बीस प्रतिशत तक कम की जा सकती है।
अमित शाह ने किया NCRB के 37वें स्थापना दिवस को संबोधित
उन्होंने एनसीआरबी के 37वें स्थापना दिवस पर अपने संबोधन में कहा,‘‘ एनसीआरबी के आंकड़ों का इस्तेमाल सभी राज्यों को अपनी सालाना अपराध नियंत्रण रणनीति बनने में करना चाहिए। इसका इस्तेमाल अपराध नियंत्रण में बहुआयामी और बहुउद्देशीय तरीके से किया जाना चाहिए।’’ 
अमित शाह ने कहा,‘‘ केवल आंकड़ों से कोई निष्कर्ष नहीं निकलता। आंकड़ों के बारे में, आंकड़ों के विश्लेषण और इसके इस्तेमाल के संबंध में भी जागरुकता होनी चाहिए। एनसीआरबी के निदेशक को सभी राज्यों के पुलिस महानिदेशकों के साथ बैठकें करनी चाहिए,आंकडों का विश्लेषण करना चाहिए और उन्हें किए प्रकार से इस्तेमाल में लाया जाए (आकलन के परिणाम) इस पर काम करना चाहिए। तभी आंकडों की सौ फीसदी उपयोगिता होगी।’’
NCRB के आंकड़ों को धाराओं के साथ सामाजिक मुद्दों पर देखने की जरूरत 
उन्होंने हालांकि कहा कि एनसीआरबी के आंकड़ें भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में वर्गीकृत हैं,न की सामाजिक मुद्दों के आधार पर। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा,‘‘ आईपीसी की धाराओं के जरिए देखने के अलावा इसे सामाजिक दृष्टिकोणों से भी देखे जाने की जरूरत है। सूखा प्रभावित क्षेत्रों में अपराध क्यों बढ़ते हैं या क्यों कुछ किसानों का विवाद,हिंसा में बदल जाता है और कुछ मामलों में मौत भी हो जाती है।’’
उन्होंने कहा,‘‘ अगर हम आंकड़ों को केवल आईपीसी की धाराओं के चश्मे से देखेंगे,तो अपराध की समस्या का कोई समाधान नहीं निकल सकेगा। एनसीआरबी और बीपीआरएंडडी (पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो) द्वारा आंकडों के तरीके (पैटर्न) का उचित विश्लेषण किया जाना चाहिए ताकि राज्य सामाजिक मुद्दों के हल में इन विश्लेषणों का उपयोग कर सकें।
गुजरात के नौ वर्ष तक गृह मंत्री के तौर पर रहने के अनुभव को किया सांझा
उन्होंने गुजरात के नौ वर्ष तक गृह मंत्री के तौर पर रहने के अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि एनसीआरबी के आंकड़ों से पश्चिमी राज्य के सीमाई जिलों में अपराध को नियंत्रित करने में बहुत मदद मिली। गृह मंत्री ने ‘क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स’ (सीसीटीएनएस) के सफलतापूर्वक पूरा होने की सराहना की। यह अपराध और अपराधियों का ब्योरा है जो देश के सभी पुलिस स्टेशनों से जुड़ा है।

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