किसानों की मांगों को रेखांकित करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर मंगलवार को निकाली गयी ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा के कारण अराजक दृश्य पैदा हो गए। बड़ी संख्या में उग्र प्रदर्शनकारी बैरियर तोड़ते हुए लालकिला पहुंच गए और उसकी प्राचीर पर उस स्तंभ पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया जहां भारत का तिरंगा फहराया जाता है।
किसानों के यूनियनों की संस्था संयुक्त किसान मोर्चा ने ‘किसान गणतंत्र परेड’ के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में भड़की हिंसा की निंदा की है। यूनियन के नेताओं ने एक बयान में कहा, “हम आज के किसान गणतंत्र दिवस परेड में अभूतपूर्व भागीदारी के लिए किसानों को धन्यवाद देते हैं। हम आज हुई अवांछनीय और अस्वीकार्य घटनाओं की निंदा करते हैं और खेद व्यक्त करते हैं।’
“हमारे सभी प्रयासों के बावजूद, कुछ संगठनों और व्यक्तियों ने मार्ग का उल्लंघन किया है और निंदनीय कृत्यों में लिप्त रहे। असामाजिक तत्वों ने शांतिपूर्ण आंदोलन में घुसपैठ की थी। हमने हमेशा माना है कि शांति हमारी सबसे बड़ी ताकत है, और किसी भी उल्लंघन से आंदोलन को नुकसान पहुंचेगा।”