दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को उन्नाव बलात्कार मामले से संबंधित पीड़िता के पिता की कथित हत्या के मुकदमे की बंद कमरे में चल रही कार्यवाही की जानकारी सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के लिए एक पक्ष के वकील को फटकार लगाई। इस मामले में पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर कथित तौर पर संलिप्त है।
जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने वकील को मामले की कार्यवाही ऑनलाइन करने के खिलाफ चेतावनी दी। मुकदमे में अभी अभियोजन पक्ष की गवाही दर्ज की जा रही है।
इस घटनाक्रम से अवगत एक वकील ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि अदालत ने यह चेतावनी तब दी जब बंद कमरे में चल रही कार्यवाही के दौरान दूसरे पक्ष के वकील ने दावा किया कि उनके प्रतिद्वंद्वी पक्ष के वकील ने मुकदमे का विवरण सोशल मीडिया पर डाल दिया है। इसमें दर्ज की गयी गवाही का विवरण भी शामिल है।
वकील ने बताया कि न्यायाधीश शर्मा ने दिल्ली उच्च न्यायालय की अनुमति से आज स्थानीय अवकाश के दिन भी सुनवाई की। उन्होंने वकील से मामले से जुड़े फेसबुक पोस्ट का विवरण प्रस्तुत करने के लिए कहा। अदालत ने सीबीआई को इस मुद्दे पर उसका रुख स्पष्ट करने का निर्देश दिया और मामले की सुनवाई की अगली तारीख 9 अक्टूबर निर्धारित की।
अदालत 9 अप्रैल, 2018 को न्यायिक हिरासत में बलात्कार पीड़िता के पिता पर कथित हमले और उसकी हत्या के मामले की सुनवाई कर रही है। अदालत ने मामले में निष्कासित भाजपा विधायक सेंगर, उसके भाई अतुल सेंगर और नौ अन्य के खिलाफ आरोप तय किए हैं।
विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने 2017 में महिला के साथ कथित रूप से बलात्कार किया था, जब वह नाबालिग थी। सेंगर को भाजपा ने निष्कासित कर दिया है। अदालत ने बलात्कार के मामले में भी उसके खिलाफ आरोप तय किए हैं।