दिल्ली यूनिवर्सिटी से संबद्ध हंसराज कॉलेज में नॉनवेज परोसने को लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा। अब इस मामले में कॉलेज के प्रिंसिपल ने बयान दिया है। उन्होंने साफ किया है कि कॉलेज में पढ़ने वाले 90 फीसदी छात्र वेजिटेरियन हैं। इसलिए यहां नॉनवेज नहीं परोसा जा रहा है। जबकि नॉनवेज के शौकीन छात्र इस मुद्दे को लगातार उठा रहे हैं। उनका आरोप है कि कोविड काल के पहले तक यहां नॉनवेज परोसा जा रहा था। अब एक षड़यंत्र के तहत कॉलेज प्रबंधन ने नॉनवेज परोसना बंद कर दिया है।
कैंटीन में अब नॉनवेज नहीं बनाया जा रहा
छात्रों के मुताबिक कोविड कॉल में यूनिवर्सिटी और कॉलेज बंद हो गया था। हॉस्टल भी खाली करा लिए गए थे और सभी छात्र अपने घरों पर रहकर ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे थे। लेकिन अब यूनिर्सिटी और कॉलेज खुलने के बाद से हॉस्टल में छात्रों ने भी रहना शुरू कर दिया है। इसकी वजह से हॉस्टल की कैंटीन शुरू हो गई। लेकिन कोविड कॉल के बाद खुली कैंटीन में सबसे बड़ा बदलाव नॉनवेज को लेकर हुआ है। कैंटीन में अब नॉनवेज नहीं बनाया जा रहा है। इसको लेकर छात्रों में रोष है और वह लगातार इसकी मांग उठा रहे हैं।
हॉस्टल में रहते हैं 200 छात्र
कॉलेज प्रबंधन के मुताबिक इस समय हॉस्टल में 200 छात्र रह रहे हैं। प्रबंधन ने दावा किया कि इनमें से करीब 90 फीसदी छात्र वेजिटेरियन हैं। शेष 10 फीसदी छात्रों में से भी कुछ छात्र अब नॉनवेज से परहेज कर रहे हैं। इसके चलते हॉस्टल में नॉनवेज परोसने से मना किया गया है। कॉलेज प्रबंधन के मुताबिक इक्का दुक्का छात्र ही हैं जो हॉस्टल की कैंटीन में नॉनवेज परोसने की मांग कर रहे हैं। उधर, छात्रों का आरोप है कि कॉलेज प्रबंधन ने चुपचाप नॉनवेज नहीं परोसने का फैसला ले लिया और इसकी सूचना तक छात्रों को नहीं दी। जबकि महामारी से पहले छात्रों को नॉनवेज परोसा जाता रहा है।
किराए पर रहने लगे छात्र
मध्य अफ्रीका से आकर यहां पढ़ाई कर रहे मैथ ऑनर्स द्वितीय वर्ष के एक छात्र ने बताया कि खान पान की दिक्कतों को देखते हुए उसने हॉस्टल छोड़ दिया है। इसकी जगह पर एक प्राइवेट मकान में कमरा किराए पर ले लिया है। छात्र ने बताया कि ज्यादातर इंटरनेशनल छात्र नॉनवेज खाते हैं, लेकिन कॉलेज में नॉनवेज खाने पर प्रतिबंध है। मजबूरी में विदेशी छात्रों को बाहर खाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
JNU में भी नॉनवेज खाने को लेकर मचा था बवाल
बता दें कि कुछ समय पहले JNU में भी रामनवमी के दिन मांसाहारी खाने को लेकर बवाल मचा था जहां लेफ्ट विंग कथित तौर मांसाहारी खाने से मना करने का आरोप लगाया, वहीं राइट विंग का आरोप लगाया था कि, लेफ्ट वालों ने पूजा में बाधा डाली। यहां मांसाहारी भोजन परोसने को लेकर दोनों पक्षों के बीच हुई झड़प के विरोध में विश्वविद्यालय परिसर के अंदर अलग-अलग मार्च निकाला गया था।