नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में गगन चुंबी इमारतों में अगर आग लगती है तो दमकल विभाग करीब 70 मीटर यानी 21 मंजिल तक आग बुझाने की क्षमता रखता है। इतना ही नहीं दमकल विभाग के पास ऐसे अनुभवी फायर फाइटर भी हैं, जो सिलेंडर लेकर समुद्र में कूदने वाले गोताखोर की तरह ही धुएं से भरे हॉल व रूम में रेस्क्यू के लिए घुस जाते हैं।
इसके अलावा दमकल विभाग में करीब 500 जवान अगले महीने ही विशेष ट्रेनिंग के बाद ज्वाइंनिंग करेंगे और लगभग 750 खाली पदों को भरने के प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। दिल्ली में सभी एजेकुशन हब के आस-पास भी दमकल विभाग के फायर स्टेशनों का स्ट्रांग नेटवर्क बना हुआ है। अगर कहीं कोई हादसा होता है तो तुरंत रेस्क्यू के लिए नजदीकी फायर स्टेशन से स्टाफ पहुंचेगा।
इसके अलावा आस-पास के फायर स्टेशनों से भी तुरंत मौके पर बैकअप मिल जाएगा। दमकल अधिकारी के मुताबिक स्टाफ की कमी के बावजूद दिल्ली दमकल विभाग तकनीकी रूप से काफी मजबूत है। वर्तमान में दिल्ली में 61 फायर स्टेशन हैं। जिसमें तीन फायर स्टेशन यमुना विहार, जसौला और गीतांजली फायर स्टेशन दिन में चलते हैं। हाईराइज इमारतों में कोई हादसा होता है तो दमकल विभाग के पास 21 मंजिल तक रेस्क्यू के लिए हाइड्रोलिक गाड़ियां हैं। अंधेरे और धुंए के बीच रेस्क्यू के लिए भी 500 रेस्क्यू ऑपरेशन सेट हैं।
11 इनोवा 10 बाइकें
दिल्ली में अतिक्रमण और संकरे रास्ते कोई नई बात नहीं। रास्तों में अतिक्रमण और संकरे रास्तों की वजह से कई बार रेस्क्यू ऑपरेशन में देरी होती है। मगर दमकल विभाग के पास इसका भी तोड़ है। संकरे रास्तों से तुरंत मौके पर जाने के लिए दमकल विभाग के पास 11 इनोवा कार और दस बाइकें हैं। जो अत्याधुनिक उपकरणों से लैस हैं।
एजुकेशन हब के पास स्ट्रांग नेटवर्क
दिल्ली में लक्ष्मी नगर, कालू सराय, पटेल नगर, मुखर्जी नगर आदि एजुकेशन हब हैं। जहां बड़ी संख्या में कॉचिंग सेंटर चलते हैं। दमकल अधिकारी के मुताबिक सभी एजुकेशन हब के आस-पास फायर स्टेशनों का स्ट्रांग नेटवर्क है। लक्ष्मी नगर के लिए मंडावली, गीता कॉलोनी व शकरपुर फायर स्टेशन हैं।
इसी तरह पटेल नगर के लिए शंकर रोड, प्रसाद नगर, नारायणा, मोती नगर फायर स्टेशन हैं। कालू सराय के लिए मथुरा रोड, नेहरू प्लेस, ओखला, सफदरजंग फायर स्टेशन हैं। मुखर्जी नगर के लिए रूप नगर, मुखर्जी नगर, रानी झांसी रोड, केशवपुराम, प्रसाद नगर फायर स्टेशन हैं।
– वसीम सैफी