नई दिल्ली : साउथ एमसीडी की मीटिंगों में अब पानी की बोतलों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। इनकी जगह पर पानी के डिस्पेंसर और कागज के गिलास का उपयोग किया जाएगा। इसका फैसला साउथ एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी की मीटिंग में लिया गया और मीटिंग से ही इसकी शुरूआत भी कर दी गई है। चेयरमैन भूपेंद्र गुप्ता ने बताया कि प्लास्टिक कचरे को रोकने और पर्यावरण संरक्षण के लिए यह फैसला लिया गया है।
ऐसा करने से न केवल प्लास्टिक के कचरे की मात्रा सीमित होगी बल्कि पानी की बचत होगी और पर्यावरण संरक्षण किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि इससे 22000 रुपए प्रतिमाह की बचत भी की जा सकेगी। गुप्ता ने कहा कि निगम की आम बैठक, विभाग की बैठकों और समितियों की बैठकों में अब डिस्पेंसरों और कागज के गिलास की व्यवस्था होगी। साथ ही चारों जोन में भी ऐसा किया जाएगा।
टॉवर-टॉयलेट में उलझी रही स्टैंडिंग कमेटी… विकास कार्य का खाका बनाने वाली स्टैंडिंग कमेटी टॉवर-टॉयलेट में उलझकर रह गई है। कुछ ऐसा ही मंगलवार को हुई स्टैंडिंग कमेटी की मीटिंग में हुआ। मीटिंग में मोबाइल कंपनियों के प्रतिनिधियों को भी बुलाया गया था। साउथ एमसीडी के तमाम अधिकारी वैध-अवैध मोबाइल टॉवरों को लेकर उलझे रहे। मोबाइल कंपनियों को वार्ड वाइज, एड्रेस के साथ सभी टावरों की डिटेल स्टैंडिंग कमेटी मेंबरों को देने का निर्देश दिया। वहीं, टायलेटों को लेकर भी मेंबर और अधिकारी उलझे रहे।
इन्डस्ट्रीयल एरिया में नहीं बढ़ेगा टैक्स
फिलहाल ओखला और मायापुरी में प्रॉपर्टी टैक्स नहीं बढ़ाया जाएगा। साथ ही साउथ एमसीडी एरिया के स्कूलों भी इन्डस्ट्रीयल एरिया की ही तरह जी कैटेगरी में ही रहेंगे। हालांकि अधिकारियों ने कहा कि इससे साउथ एमसीडी के राजस्व पर प्रभाव पड़ेगा। कमेटी मेंबर कमलजीत सहरावत ने कहा कि साल 2004 से इसमें कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है, लेकिन चार गुना बढाना बिल्कुल भी लॉजिकल नहीं है।