भाजपा के नवनिर्वाचित विधायक विजेंद्र गुप्ता ने शनिवार को आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर उनसे उस परिपत्र को वापस लेने का अनुरोध किया जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में उनके शपथ ग्रहण समारोह में सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों के लिए उपस्थित होना अनिवार्य किया गया है।
दिल्ली की पिछली विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे गुप्ता ने शुक्रवार को जारी किये गये इस परिपत्र को ‘तानाशाही’ करार दिया है और कहा कि इससे उनका यह विश्वास ‘चकनाचूर’ हो गया है कि सत्ता में आने के बाद केजरीवाल का जोर शासन और लोकतांत्रिक संस्थानों को मजबूत बनाने पर होगा।
I have requested Hon’ble @LtGovDelhi to intervene and take immediate action against the flagrant violation by the Kejriwal government. They have issued an undemocratic circular forcing government officials & teachers to attend oath ceremony of Delhi CM and his ministers. pic.twitter.com/x6Y7Aaxde1
— Vijender Gupta (@Gupta_vijender) February 15, 2020
उन्होंने कहा, ‘‘ इस आदेश की वजह से, 15000 शिक्षकों और अधिकारियों को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होना होगा।’’ रोहिणी विधानसभा क्षेत्र से फिर निर्वाचित हुए गुप्ता ने कहा कि वह रविवार को रामलीला मैदान में केजरीवाल के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे।
गुप्ता की आपत्ति पर दिल्ली डायलॉग एवं डेवलपमेंट कमिशन के उपाध्यक्ष जस्मीन शाह ने कहा कि शिक्षक और प्राचार्य पिछले पांच सालों में दिल्ली के बदलाव के ‘शिल्पी’ हैं और वे शपथ ग्रहण समारोह में ‘आमंत्रित किये जाने के हकदार’ हैं।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ भाजपा ने अपने विकास मॉडल में शिक्षकों को केंद्र में रखकर अंतिम बार कब सोचा था? न पहले कभी सोचा था, न आगे कभी सोचेंगे।’’
Delhi’s teachers and principals are the architects of Delhi’s transformation in the past 5 years. They deserve to be invited to the swearing-in at Ramlila Maidan tomorrow. When did BJP last think of teachers in at the centre of your ‘vikas’ model? Never did, never will. https://t.co/p7U2XHI4E7
— Jasmine Shah (@Jasmine441) February 15, 2020
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों में 62 सीटें जीतकर सत्ता में जबर्दस्त वापसी की है। केजरीवाल और उनके मंत्री रविवार को एक भव्य समारोह में शपथ लेंगे।