दिल्ली वालों पर पड़ रही तिहरी मार-
दिल्ली में कोरोना वायरस महामारी का खतरा भले ही नियंत्रण में बना हुआ है, लेकिन दूसरी लहर में अभी भी रोजाना 50 के करीब मरीज संक्रमित हो रहे हैं। ऐसे में साफ है कि अभी भी कोरोना का प्रकोप टला नहीं है। तो वहीं, दिल्ली वालों के लिए इसके साथ ही मुसीबतें कम नहीं हो रही है, दिल्ली के अस्पतालों की ओपीडी में बुखार के मामले बढ़ रहे हैं।
इनमें वायरल बुखार सबसे अधिक देखा जा रहा है। वहीं, पिछले कुछ दिनों में डेंगू और मलेरिया के मामले भी बढ़े हैं। ओपीडी में आने वाले मरीजों में बुखार के अलावा सिरदर्द, सर्दी-जुकाम, बदनदर्द, गले में खराश, सांस फूलना, ठंड लगना और थकान की शिकायतें मिल रही हैं।
अस्पतालों में लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या-
जांच करने पर अधिकतर मरीजों में वायरल बुखार की पुष्टि हो रही है। एम्स के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर नीरज निश्चल ने बताया कि बुखार के लक्षण वाले मरीजों की संख्या एक महीने में बढ़ी है। लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि वायरल बुखार सहित डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मामले बढ़ने से लोकनायक अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन आने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 3600 तक पहुंच गई है। पहले यह तीन हजार के करीब थी।


डेंगू मरीजों की तीन-चार दिनों में ही प्लेटलेट्स तेजी से गिर रही है। पहले इस तरह के मरीजों की प्लेटलेट्स पांचवें दिन के बाद तेजी से कम होती थीं। ऐसे में डॉक्टर मरीजों को प्लेटलेट्स चढ़ाने में ज्यादा समय नहीं ले रहे हैं। डॉक्टरों का यह भी मानना है कि कोरोना संक्रमण भी इसका एक कारण हो सकता है। कोरोना के बाद पहली बार डेंगू बेकाबू है।
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पूरे एनसीआर में डेंगू के रिकॉर्डतोड़ मरीज मिल रहे हैं। नोएडा में पिछले पांच साल में इस बार सबसे अधिक डेंगू के मरीज मिले हैं। यहां अब तक 77 डेंगू पीड़ित मिले हैं, जबकि 300 से अधिक संदिग्ध मरीजों का इलाज चल रहा है। गाजियाबाद में भी 350 से अधिक मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. एके शुक्ला ने बताया कि इस बार डेंगू का ट्रेंड कुछ अलग है।
