नई दिल्ली : दिल्ली में फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली चुनाव आयोग ने मतदाताओं को जागरूक करने का अभियान शुरू कर दिया है। रविवार से चुनाव आयोग घर-घर जाकर वोटर आईडी कार्ड का सत्यापन करेगा। साथ ही देखेगा कि 18 वर्ष से अधिक उम्र के युवा के पास वोटर आईडी कार्ड है या नहीं। यदि है तो उसमें कोई गलती तो नहीं। यदि गलती पाई जाती है तो उसमें सुधार किया जाएगा।
यह कहना है दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी(सीईओ) डॉ. रणबीर सिंह का। डॉ. रणबीर सिंह ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए शनिवार को कहा कि राजधानी में एक सितंबर से मेगा इलेक्टर्स वेरिफिकेशन प्रोग्राम (ईवीपी) चलाया जाएगा। इस प्रोग्राम के तहत घर-घर जाकर मतदाताओं के सत्यापन का कार्य किया जाएगा।
सिंह ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार 1 सितंबर से 15 अक्टूबर तक मतदाताओं के सत्यापन का कार्य किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस दौरान बूथ लेबल अधिकारी मतदाताओं के घर जाकर परिवार के प्रत्येक सदस्यों का नाम सत्यापित करेंगे।
घर-घर जाएंगे बीएलओ
कार्यक्रम के तहत प्रत्येक परिवार के एक मतदाता को एक उपयोगकर्ता का नाम और पासवर्ड मिलेगा, जो किसी व्यक्ति को चुनावी पंजीकरण से संबंधित सभी दस्तावेजों को अपलोड करने और उसके या उसके परिवार के सदस्यों के बारे में समान विवरण टैग करने की अनुमति देगा।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि इन विवरणों को ब्लॉक स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) द्वारा सत्यापित किया जाएगा। मतदाता को मतदाता सूची के विवरण, स्व-प्रामाणिकता का आकलन करने और उसके बाद सुधार करने के लिए सशक्त बनाने का विचार है।
14,000 स्थानों से लॉन्च होगा ईवीपी
सिंह ने बताया कि दिल्ली में ईवीपी को 14,000 स्थानों से लॉन्च किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसका उद्देश्य मतदाता सूची के विशेष सारांश संशोधन के दौरान सभी पात्र नागरिकों के निर्वाचक नामावली और स्वास्थ्य नामांकन में सुधार लाना है।
उन्होंने कहा कि सारांश संशोधन का मसौदा उसके बाद प्रकाशित किया जाएगा, जिसमें कटऑफ की तारीख 1 जून, 2020 और अंतिम रोल जनवरी के पहले या दूसरे सप्ताह तक प्रकाशित किया जाएगा। डॉ. रणबीर सिंह का कहना है कि ईवीपी प्रोग्राम को ऑनलाइन और ऑफ लाइन दोनों तरह से किया जा सकता है। वहीं, दिव्यांग मतदात 1950 पर कॉल करके सत्यापन के लिए सहायता प्राप्त कर सकते हैं।