दिल्ली में जल्द ही जल संकट खत्म होने वाला है क्योकि हरियाणा की ओर से 16,000 क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया है। दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने मंगलवार को कहा कि हरियाणा सरकार ने यमुनानगर जिले के हथनीकुंड बैराज से 16,000 क्यूसेक पानी यमुना नदी में छोड़ा है। अब राष्ट्रीय राजधानी में जल संकट दूर हो जाएगा और लोगों को पीने का स्वच्छ पानी मिल सकेगा।
उन्होंने कहा कि डीजेबी के उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाने और पड़ोसी राज्य के अधिकारियों के साथ कई दौर की वार्ता के बाद हरियाणा ने दिल्ली के हिस्से का पानी छोड़ा है जोकि अगले तीन से चार दिन में दिल्ली पहुंच जाएगा।उन्होंने कहा, “दिल्ली में जलसंकट के लिए हरियाणा सरकार जिम्मेदार है क्योंकि हरियाणा सरकार ने दिल्ली के हक का 120 MGD पानी रोक लिया था। उसके बाद दिल्ली सरकार मेहनत करती रही। सरकार ने लोगों के घरों में पानी पहुंचाने का हरसंभव प्रयास किया। यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली वालों के हक के लिए याचिका भी दायर की। मुझे बताते हुए खुशी हो रही है कि याचिका दायर करने के कुछ ही समय बाद हरियाणा सरकार ने 16,000 क्यूसेक पानी दिल्ली की ओर छोड़ दिया है।”
उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 1996 में हरियाणा सरकार एवं अन्य राज्यों को यमुना का पानी साझा करने को कहा था ताकि दिल्ली में पेयजल की कमी नहीं हो। जल बोर्ड ने हरियाणा सरकार को दिल्ली के हिस्से का पानी जारी करने का निर्देश देने के लिए रविवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया था।
बता दें कि सोमवार को ही यह जानकारी मिली थी कि दिल्ली में लगातार जल स्तर 55 सालों के निचले स्तर पर है। राजधानी में पानी की सप्लाई तीन पानी के प्लांट के जरिए होती है। लेकिन कुछ दिनों से ये प्लांट सिर्फ 50 फीसदी क्षमता के साथ ही काम कर रहे है। दिल्ली सरकार की ओर से बताया गया था कि यमुना का जलस्तर 7 से 8 फीट तक नीचे चला गया है. इस कारण सप्लाई पर इसका असर दिख रहा है।