नई दिल्ली : केन्द्रीय जल शक्ति मंंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ दिल्ली देहात के सांगरपुर गांव के यमुना तट पर महत्वाकांक्षी जलाशय संचयन परियोजना का शुभारंभ किया। इस दौरान दिल्ली सरकार के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री सत्येन्द्र जैन भी मौजूद रहे। इस अवसर पर शेखावत ने कहा कि आने वाले समय में यह प्रोजेक्ट दिल्ली मॉडल के रूप में केवल देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मिसाल बनेगा और बड़े पैमाने पर अपनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में पानी एक बहुत बड़ी चुनौती है।
हमें इजरायल देश से पानी संरक्षण को लेकर सीख लेनी चाहिए। हालांकि पानी सरंक्षण का कार्य राजस्थान के किसान ने शुरू किया था लेकिन भारत में इस विधि को समय से नहीं अपनाया और इजरायली लोग यहां आकर इस विधि को अपने देश ले गए। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में कुल मिलाकर लगभग 75 फीसदी पानी उपलब्ध है लेकिन उसमें से पीने योग्य पानी महज 3-4 फीसदी है। अगर अंर्टाकटिका और अन्य ग्लेशियर की बर्फ को छोड़ दें तो दुनिया में केवल एक फीसदी पानी पीने योग्य है।
वहीं मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि आज यमुना के पानी को जमीन के नीचे संचयन करने का एक बहुत बड़ा प्रयोग शुरू होने जा रहा है। यह पॉयलट परियोजना सफल रही तो देश के लिए मील का पत्थर साबित होगी। इसके बाद बारिश के पानी को हर जगह संरक्षित किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि अपने स्तर पर किसान तो कई प्रकार के प्रयोग किया करते थे लेकिन किसी राज्य की सरकार ने इतने बड़े स्तर पर इस तरह का प्रयोग किया हो, यह शायद इतिहास में पहली बार होने जा रहा है।
जिस प्रकार से आज न केवल देश में बल्कि पूरी दुनिया में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है, कई जगहों पर जिस प्रकार से तेजी के साथ जमीन में जल स्तर घटता जा रहा है, ऐसे में अगर यह प्रोजेक्ट सफल होता है, तो यह देश और समाज के लिए एक नया रास्ता दिखाने की दिशा में बड़ा कदम होगा।
वहीं दिल्ली सरकार में सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि आगामी तीन वर्षों में यहां के स्थानीय गांववासी तीन दशक पहले की तरह ही गड्ढा खोदने पर लौटे से पानी भर सकेंगे। इस मौके विधायक शरद चौहान, अजेश यादव, रामचन्द्र, दिल्ली सरकार में प्रमुख सचिव विजय देव, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के सचिव निखिल कुमार आदि अधिकारी उपस्थित रहें।