पश्चिम बंगाल की नंदीग्राम विधानसभा सीट पर चुनावों के बाद भी घमासान जारी है। विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम सीट पर शुभेंदु अधिकारी से मिली हार को हाईकोर्ट में चुनौती देने वाली मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की याचिका पर अब 15 नवंबर 2020 को सुनवाई की जाएगी। कोलकाता हाईकोर्ट ने गुरुवार को हुई सुनवाई में ये फैसला सुनाया।
इससे पहले केस की सुनवाई कर रहे जस्टिस कौशिक चंद ने खुद को मामले से अलग कर लिया था। हालांकि ऐसी मांग करने वालीं ममता बनर्जी पर उन्होंने 5 लाख रुपये का फाइन भी लगाया था। सुनवाई टलने से यह भी तय हो गया है कि मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए ममता बनर्जी को किसी और सीट से चुनाव जीतना होगा।
वहीं टीएमसी की ओर से चुनाव आयोग से अपील की जा रही है कि खाली हुई सीटों पर जल्द उपचुनाव कराया जाए। नंदीग्राम सीट से हारकर मुख्यमंत्री बनीं ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री बने रहने के लिए 5 नवंबर से पहले विधानसभा का सदस्य बनना होगा। टीएमसी को डर है कि यदि कोरोना महामारी की वजहों से यदि उपचुनाव में देरी हुई तो ममता को इस्तीफा देना होगा।
इन विधानसभा चुनावों में टीएमसी ने लगातार तीसरी बार पश्चिम बंगाल की सत्ता हासिल की है, लेकिन ममता बनर्जी को अपनी पारंपरिक सीट नंदीग्राम से हार का सामना करना पड़ा। यहां से उनके मुकाबले बीजेपी से शुभेंदु अधिकारी ही खड़े थे। अधिकारी कभी उनके बेहद खास रहे थे, जिन्होंने चुनाव से पहले बीजेपी का दामन थामा और ममता बनर्जी को कड़ी टक्कर दी। हालांकि उनका कहना था कि यह परिणाम गलत है और बीजेपी के दबाव में गलत परिणाम घोषित किया है।