हाल ही में भारत सरकार ने अरुण गोयल को नया चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है। जिसके बाद वो काफी चर्चा में बने हुए हैं। कई लोग उनके बारे में जानने चाहते है तो आइए आपको बता दें कि चुनाव आयुक्त कौन हैं। अरुण गोयल 1985 बैच के पंजाब कैडर के अधिकारी रहे हैं। और वो मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय के साथ निर्वाचन आयोग का हिस्सा होंगे। बता दें सरकार ने एक विज्ञप्ति के माध्यम से गोयल की नियुक्ति की जानकारी दी थी। वहीं सुशील चंद्र मुख्य चुनाव आयुक्त के पद से मई में सेवानिवृत्त हुए थे। उनके स्थान पर राजीव कुमार नए मुख्य चुनाव आयुक्त बनाए गए है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से चुनाव आयुक्त अरुण गोयल की नियुक्ति से संबंधित फाइल मांगी है। सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयुक्तों की प्रक्रिया पर आपत्ति जताते हुए इसमें सुधार की मांग वाली याचिका दायर की गई थी। कोर्ट ने सवाल किया कि आखिर चौबीस घंटे ते अंगर नियुक्ती कैसी की गई । हरहाल शीर्ष अदालत इस मामले की सुनवाई कर रहा है।इसी बीच अरुण गोयल निर्वाचन आयुक्त नियुक्त कर दिए गए है।अब कोर्ट ने ये कहते हुए उनकी नियुक्ति संबंधी फाइल मांग ली है कि वो ये जानना चाहता है कि अपॉइन्टमेंट के लिए कौन सी प्रक्रिया अपनाई गई। रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर ये नियुक्ति कानूनी तौर से सही है तो फिर घबराने की क्या जरूरत नहीं है। कोर्ट ने कहा कि उचित होता अगर अदालत की सुनवाई के दौरान नियुक्ति ना होती। पांच जजों की पीठ में शामिल जस्टिस केएम जोसफ और जस्टिस अजय रस्तोगी ने निर्वाचन आयोग की स्वायत्तता पर सवाल उठाते हुए एक उदाहरण के साथ सरकार से कहा। क्या कभी किसी पीएम पर आरोप लगे तो क्या आयोग ने उनके खिलाफ ऐक्शन लिया है? आप हमें निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति की पूरी प्रक्रिया समझाएं।