नई दिल्ली : केजरीवाल सरकार की मुफ्त वाई-फाई योजना के लिए अब दिल्ली की जनता को अगले साल तक का इंतजार करना पड़ेगा। इस पूरे मामले को दिल्ली सरकार की वादा खिलाफी बताते हुए भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि 56 महीने का कार्यकाल बीत जाने के बाद अचानक अपने वादों को याद कर जनता की भलाई के लिए ताबड़तोड़ घोषणा करने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री ने जनता को एक और धोखा दिया।
वर्ष 2015 में सत्ता में आने से पूर्व केजरीवाल ने अपने घोषणा पत्र में युवाओं की लुभाने के लिए मुफ्त वाई-फाई पूरी दिल्ली में देने की बात कही थी। तिवारी ने कहा कि आज 56 महीने से अधिक बीत जाने पर जब कुछ महीने ही शेष बचे हैं, तब वादों को पूरा नहीं किया जा रहा है। नई घोषणाएं की जा रही हैं, जो कि केजरीवाल की राजनीतिक मंशा को स्पष्ट करता है। मुफ्त वाई-फाई योजना अगले साल तक के लिए टाल दी गई, क्योंकि दिल्ली सरकार को टेंडर लेने वाली कोई कंपनी नहीं मिली।
केजरीवाल सरकार जो 56 महीने बाद चुनाव को सामने देख जागी है। उसने जल्दबाजी में मुफ्त वाई-फाई के लिए टेंडर जारी किया। टेंडर में ऐसी शर्ते रखी गई थी जिसके अध्ययन के बाद कोई भी कंपनी टेंडर लेने के लिए आगे नहीं आई। तिवारी ने कहा कि दिल्ली सरकार ने अगस्त में टेंडर जारी किया था जिसमें पूरी दिल्ली में वाई-फाई हॉट-स्पाट लगाने के लिए तीन महीने का समय दिया गया था।
मुख्यमंत्री ने दिल्ली के मतदाताओं को प्रभावित करने की मंशा से अपने घोषणा पत्र के मुफ्त वाई-फाई के वादे को जिसे शुरुआती कार्यकाल में पूरा किया जाना चाहिए था उसे लेकर अगस्त 2019 में टेंडर जारी किया। दिल्ली की जनता के बीच से अपनी वादा खिलाफी के कारण आम आदमी पार्टी अपनी विश्वसनीयता खोती जा रही है। केजरीवाल की कथनी और करनी के फर्क को जनता समझ चुकी है।