नई दिल्ली : कमला मार्केट रेलवे कॉलोनी में बेहद मार्मिक मामला सामने आया है। दिल की बीमारी से ग्रस्त पति की दिन-रात खिदमत करने वाली महिला ने पति की मौत के बाद भी दो दिन लाश के साथ ही बिता दिए। रात को पति के पास ही सोती और दिन में पति की सेवा करती। उसे इस बात का यकीन तक नहीं था कि उसका सुहाग अब इस दुनिया में नहीं रहा। बेटी और नौकरानी को महिला ने यही बताया कि उनकी तबीयत खराब है।
मगर बुधवार को जब नौ वर्षीय बेटी ने पिता की नाक से खून आते देखा तो उसे शक हुआ। उसने अपने मामा को सूचना दी। जिसके बाद बुधवार दोपहर करीब 1:00 बजे कमला मार्केट पुलिस को इसकी जानकारी दी गई। पुलिस के मुताबिक मृतक की पहचान जय कुमार (59) के रूप में हुई है। वह पिछले कई वर्षों से दिल की बीमारी से ग्रस्त थे। परिजनों की रिक्वेस्ट पर पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया है।
पुलिस के मुताबिक जय कुमार रेलवे में इंजीनियर थे, जबकि उनकी पत्नी मीना (55) रेलवे के ही स्कूल में अध्यापक हैं। दोनों की एक बेटी है। जय कुमार परिवार के साथ रेलवे कॉलोनी में ही रहते थे। तीन दिन पहले जय कुमार की अचानक मौत हो गई। मगर पत्नी को उनकी मौत का बिल्कुल भी यकीन नहीं हुआ। वह अपनी नौकरानी और बेटी को यही बतातीं कि पति की तबीयत खराब है और वह अपने रूम में आराम कर रहे हैं।
मीना भी पूरा पूरा दिन पति के पास ही बैठकर गुजारती। मगर तीसरे दिन जब बेटी ने पिता के मुंह से खून आते देखा तो उसे शक हुआ। उसने पिता को आवाज दी और हिला कर देखा तो उनके शरीर में कोई हरकत नहीं थी। जिसके बाद उसने तुरंत अपने मामा को इसकी सूचना दी। जिसके बाद पुलिस को इस बारे में जानकारी दी गई। पुलिस सूत्रों का कहना है कि मीना की मानसिक स्थिति थोड़ी सी ठीक नहीं है। जिसकी वजह से वह पति की मौत को स्वीकार नहीं कर पा रही है। उसे यकीन नहीं हो रहा है कि उसका पति अब इस दुनिया में नहीं रहा है।
इलाज के बहाने उठाया था शव…पुलिस सूत्रों ने बताया कि जब सूचना के बाद वह जय कुमार के घर पहुंचे तो मीना शव के साथ बैठी हुई थी। पुलिसकर्मी जब शव उठाने लगे तो मीना पति से लिपट कर बैठ गई और पति को वहां से ले जाने के लिए साफ मना कर दिया। वह पुलिसकर्मियों से झगड़ा करने लगी। पुलिस ने किसी तरह महिला को समझाया कि उसके पति की ज्यादा तबीयत खराब है उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराना है तब जाकर महिला मानी और पति की लाश को उठाने दिया।
काफी समय बाद हुई थी बेटी
जय कुमार और मीना की 9 वर्ष की इकलौती बेटी है। रिश्तेदारों का कहना है कि लंबे समय तक औलाद नहीं होने के कारण मीना अवसाद में चली गई थी। बेटी के होने के बाद मीना की मानसिक स्थिति में कुछ सुधार हुआ था। मगर पति के बीमार होने के बाद फिर से मीना परेशान रहने लगी थी। ढाई साल पहले ही जय का एक प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज हुआ था।
पड़ोसियों से नहीं मिल पाते थे
जय कुमार के रिश्तेदार ने बताया कि दोनों पति पत्नी नौकरी करते थे। बेटी स्कूल जाती थी। मीना दोपहर बाद घर आती थी और जय कुमार देर शाम को घर लौटते थे। पति की बीमारी के चलते व ज्यादातर अपने घर में ही रहते थे। ऐसे में वह अपने पड़ोसियों से कम ही मिल पाते थे।
कैसा समाज एक दूसरे का भी नहीं ख्याल
थॉमसन रोड स्थित रेलवे कॉलोनी रहने वाले जयकुमार की मौत ने समाज का चेहरा भी सामने लाकर रख दिया है। दिलवालों की दिल्ली में लोगों के पास इतना भी वक्त नहीं कि वे एक दूसरे की खैर खबर ले सकें। जय कुमार की लाश दो दिन तक घर में पड़ी रही मगर इस बीच कोई पड़ोसी भी उनके घर नहीं गया।