नई दिल्ली : वर्ष 2018 में बहादुरी दिखाने वाले 21 नन्हे बहादुरों के नाम राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए घोषित तो कर दिए गए हैं, लेकिन इस वर्ष ये बहादुर 26 जनवरी की परेड में आपको नजर नहीं आएंगे। ऐसा देश के इतिहास में पहली बार होगा जब देश के 21 बहादुरों को परेड में शामिल नहीं किया जाएगा। ऐसा इसलिए हो रहा है चूंकि इन बच्चों को चुनने वाली इंडियन काउंसिल फॉर चाइल्ड वेलफेयर (आईसीसीडब्ल्यू) पर वित्तीय गड़बड़ी के आरोप लगे हैं।
इसके बाद महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने काउंसिल से अपने आपको अलग कर लिया है। इन बहादुर बच्चों में दो दिल्ली के बच्चों को भी शामिल किया गया है। नीतिशा नेगी को गीता चोपड़ा अवॉर्ड (मरणोपरांत) और मनदीप कुमार पाठक वीरता पुुरुस्कार दिया गया है। नीतिशा को अपनी जान की परवाह न करते हुए दूसरे की जान बचाने के लिए नीतिशा को गीता चोपड़ा अवॉर्ड दिया गया।
इनके अलावा गुरुगु हिमाप्रिया और सौम्यादीप जना को भारत अवॉर्ड, गोहिल जयराज सिंह को संजय चोपड़ा अवॉर्ड, मुस्कान, सीमा, सीडी कृष्णा नायक, रितिक साहू, झगेंद्र साहू, दिव्यांश सिंह, बहेंगमबम सिंह, रंजीता माझी, विश्वजीत पुहांन, श्रीकांत गंजीर शिलिंग, सीतू मलिक, झीली बागको और अश्विन सजीव को वीरता पुरस्कार दिया गया है। अनिका जैमिनी, कमेलिया केथी खरबार को बापू गैधानी अवॉर्ड। सीतू मलिक और झीली बागको भी इस साल राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार दिया गया है।