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बूथ सम्मेलन से क्या दिल्ली चुनाव में भाजपा को मिलेगी संजीवनी

बूथ सम्मेलन को लेकर भाजपा कार्यकर्ता काफी उत्साहित हैं क्योंकि लोकसभा चुनाव से पूर्व भी दिल्ली में यह सम्मेलन किया गया था और भाजपा सातों सीटों पर विजयी रही थी।

नई दिल्ली : बूथ सम्मेलन को लेकर भाजपा कार्यकर्ता काफी उत्साहित हैं क्योंकि लोकसभा चुनाव से पूर्व भी दिल्ली में यह सम्मेलन किया गया था और भाजपा सातों सीटों पर विजयी रही थी। हालांकि वह लोकसभा का चुनाव था और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम पर लड़ा गया था, लेकिन दिल्ली के चुनाव में क्षेत्रीय मुद्दे ज्यादा हावी रहेंगे। फिर भी भाजपा केन्द्र में मोदी सरकार की योजनाओं को लेकर घर-घर पहुंचेगी। 
माना जा रहा है कि बूथ सम्मेलन में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व गृहमंत्री अमित शाह चुनाव लड़ने की दिशा तय करेंगे और साथ ही कार्यकर्ताओं में जोश का संचार भी करेंगे। दिल्ली में 13750 बूथ कार्यकर्ता इंदिरा गांधी स्टेडियम आगामी पांच जनवरी को पहुंचेंगे। 
इनके अलावा सांसद, पार्षद, पूर्व विधानसभा चुनाव प्रत्याशी, मंडल अध्यक्ष, बूथ संयोजक, जिला बूथ संयोजक, लोकसभा बूथ संयोजक, बूथ प्रबंधन दिल्ली विभाग और शहरी केन्द्र प्रमुख, मोर्चा और प्रदेश पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। दरअसल भाजपा को हर चुनाव में 32 से 34 फीसद वोट मिलते हैं, लेकिन दिल्ली चुनाव जीतने के लिए 51 फीसद वोट पाने का पार्टी ने लक्ष्य रखा गया है। 
इसके लिए बूथ प्रबंधन विभाग ने 2015 दिल्ली विधानसभा चुनाव, 2017 नगर निगम चुनाव और 2019 लोकसभा चुनाव परिणाम पर विस्तृत मंथन किया। बूथ स्तर पर लोकसभा चुनाव में मिली अपार सफलता के बाद भाजपा इस बार भी बूथ कार्यकर्ताओं के दम पर चुनावी रण में उतरेगी।
बूथों को श्रेणी में बांटा 
इसके लिए विभाग द्वारा ए-बी-सी तीन श्रेणी बनाई गई हैं। इनमें ए श्रेणी के बूथ वे हैं जहां पार्टी हमेशा विजयी होती है, बी श्रेणी में पार्टी का बूथों पर अच्छा प्रदर्शन रहता है और सी श्रेणी जिसमें हारते हैं या एक ही बूथ पर विजयी होते हैं। इस बार लक्ष्य रखा गया है कि भाजपा को ए श्रेणी वाले बूथों पर 85 फीसद तक वोट मिलें, बी श्रेणी वाले बूथों पर 51 फीसद से अधिक वोट मिलें और सी श्रेणी वाले बूथों पर कम से कम 100 नए वोटर भाजपा के पक्ष में जोड़े जाएं। 
खराब प्रदर्शन वाले बूथों पर सुधार के लिए बूथ प्रबंधन विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है और समय न देने वाले या निष्क्रिय रहने वाले कार्यकर्ताओं के बदले युवा कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंप दी है।
30 हजार कार्यकर्ता जुटेंगे
अनुमान है कि पांच जनवरी को करीब 30 हजार कार्यकर्ता इंदिरा गांधी स्टेडियम में जुटेंगे और हर कार्यकर्ता को पहचान पत्र जारी किया जाएगा जिससे चीजें व्यवस्थित रूप से बनी रहें। 30 हजार कार्यकर्ता आगे कम से कम दस कार्यकर्ताओं को अपने स्तर पर जोड़ेंगे। 
माना जा रहा है कि बूथ सम्मेलन के बाद हर बूथ पर बूथ अध्यक्ष, पालक, बीएलए2, महिला और युवा की टीम आगे और कार्यकर्ताओं को जोड़ेगी। बूथ कार्यकर्ताओं के जोश के चलते ही भाजपा को लोकसभा चुनाव में 12 हजार बूथों पर और निगम चुनाव में नौ हजार बूथों पर सफलता मिली थी।

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