पूर्वी दिल्ली : यमुनापार के इलाकों में बदमाश पुलिस को ठेंगा दिखाते हुए ताबड़तोड़ वारदात को अंजाम दे रहे हैं। ताजा मामला ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के मधु विहार इलाके से सामने आया है। जहां शनिवार सुबह शनि मंदिर के बाहर कार में पति का इंतजार कर रही महिला गोली मारकर उसकी हत्या कर दी गई। मृतका की पहचान उषा रानी (59) के तौर पर हुई है। फिलहाल हत्या के पीछे के कारणों का पता नहीं चल पाया है। पुलिस हत्या का केस दर्ज कर मामले की छानबीन कर रही है।
पुलिस के मुताबिक, उषा परिवार सहित जगतपुरी के राधे श्याम पार्क एक्सटेंशन में रहती थीं। इनके परिवार में पति कैलाश चंद गुप्ता (64), शादीशुदा बेटी श्रुति और बेटा संयम गुप्ता है। उषा एक नामी इंश्योरेंस कंपनी के एचआर में असिस्टेंट मैनेजर थीं। उनके पति एमटीएनएल में कार्यरत थे। रिटायरमेंट के बाद कैलाश चंद को किडनी की समस्या हो गई थी, जिसकी वजह से कैलाश को हफ्ते में तीन दिन (मंगल, गुरुवार और शनिवार) डायलिसिस के लिए वैशाली स्थित एक नामचीन अस्पताल जाना पड़ता था।
उषा ही उन्हें सुबह करीब 6.00 बजे कार से लेकर अस्पताल जाती थीं। कैलाश हर शनिवार को मधु विहार शनि मंदिर में दर्शन करते हुए अस्पताल जाते थे। शनिवार को भी ऐसा ही हुआ। उषा करीब 6.15 बजे कैलाश को लेकर मंदिर पहुंची। कैलाश मंदिर में दर्शन करने चले गए। जबकि उषा कार में ही ड्राइविंग सीट पर बैठी हुई उनका इंतजार कर रही थीं। इस बीच हेलमेट लगाए हुए बाइक सवार दो अज्ञात बदमाशों कार के बगल में आकर रुके और उन्होंने उषा के सिर पर गोली मार दी। कार शीशा बंद था जो गोली लगने के बाद टूटा और गोली उषा को लगी।
इसके बाद आरोपी मौके से फरार हो गए। इधर, गोली की आवाज सुनकर बाहर आए कैलाश ने चालक सीट पर पत्नी को खून से लथपथ हालत में पड़ा देखा और मामले की सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने महिला को पास के अस्पताल पहुंचाया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
पहेली बनी हत्या
ये हत्याकांड पुलिस के लिए किसी पहेली से कम नहीं है। चूंकि उषा को किसने और क्यों गोली मारी, फिलहाल इसका खुलासा नही हो पाया है। इधर उषा की अंगूठी, कानों के कुंडल, पर्स और मोबाइल उनके पास से ही बरामद हुआ है, इसलिए पुलिस लूटपाट में हत्या की आशंका नही जता रही है। वहीं परिजनों ने किसी से कोई रंजिश या दुश्मनी होने की बात से भी इंकार किया है।
कहीं गेट न खोलने पर तो नहीं मार दी गोली!
भले ही उषा का सारा सामान उनके पास मिला हो, लेकिन भी कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं आरोपी लूटपाट के लिए कार का गेट खुलवाना चाहते हों और महिला द्वारा गेट न खोलने पर उन्होंने वारदात को अंजाम दे दिया। चूंकि इस दौरान सेर पर निकलने वाले लोगों से लूटपाट करने वाला गिरोह एक्टिव रहता है।
लोगों ने नहीं की मदद
परिजनों का कहना है कि वारदात के मौके पर कई लोग जमा हो गए थे। कैलाश जब मंदिर से बाहर आए और उन्होंने पत्नी को बेसुध पड़ा देखा तो मौके पर मौजूद लोगों से उन्हें पत्न को अस्पताल ले जाने के लिए गुहार लगाई। मगर किसी ने उनकी मदद नहीं की। लोगों का कहना था कि यह पुलिस केस है, हम कुछ नहीं कर सकते। करीब 15 मिनट तक वह मदद मांगते रहे। यही कारण हैं कि परिजन कह रहे हैं कि अगर समय से उषा को अस्पताल पहुंचाया जाता तो शायद उनकी जान बच सकती थी। पत्नी की मौत की वजह से बीमार कैलाश का भी शनिवार को डायलिसिस नहीं हो पाई।
उषा रानी करती थीं लोगों की मदद
जानकारों का कहना है कि उषा बेहद मिलनसार थीं। वह हर समय लोगों की मदद के लिए तैयार रहती थीं। कुछ दिनों पूर्व ही एक गरीब महिला कांति देवी को इंश्योरेंस के पैसे नही मिल रहे थे। उषा ने काफी मशक्कत के बाद उस महिला के बीमा के साढ़े तीन लाख रुपए उसे दिलवाए थे। यही कारण है कि पूरे इलाके में मातम का माहौल है।