नई दिल्ली : दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में चलने वाली क्लस्टर बस नंबर 818 में हाल ही में दो लड़कियों के साथ हुई दरिदंगी की कोशिश पर दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने दिल्ली सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। उनका कहना है कि अन्य वादों की तरह ही दिल्ली सरकार के महिला सुरक्षा के दावे भी खोखले साबित हुए।
सत्ता में आने से पहले मुख्यमंत्री ने निर्भया जैसी घटनाओं को रोकने के लिए साधारण वर्दी में बसों में मार्शल तैनात किये जायेंगे, बसों में सीसीटीवी की व्यवस्था की जाएगी, दिल्ली के डार्क स्पॉट पर कैमरे लगाए जाएंगे लेकिन चार साल बीत जाने के बाद भी जमीनी स्तर की हकीकत कुछ और ही बयां करती है।
मनोज तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने केवल झूठे प्रचार किये और आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति ही की, अगर चार साल में उन्होंने इन अपराधों को रोकने के लिए कुछ काम किये होते, तो इस तरह के अपराधों पर नियंत्रण पाया जा सकता था। मुख्यमंत्री ने साबित कर दिया है कि उनकी पार्टी महिला विरोधी है।
डीसीडब्ल्यू ने महिला सुरक्षा पर पीएम को लिखा पत्र
दिल्ली महिला आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर टीवी चैनल को महिला सुरक्षा पर दिए उनके बयान को सच्चाई से परे बताया है। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री के वादे के बाद आज भी पुलिस संसाधनों में बढ़ोतरी और फार्स्ट ट्रैक कोर्ट की दिशा में कोई काम नहीं हुआ और न ही किसी को एक महीने में फांसी की सजा मिलती है। इसलिए इस संवेदनशील मुद्दे पर देश को गुमराह न करें।
आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद बताती हैं कि पीएम ने अपने बयान में महिला सुरक्षा के पहले से बेहतर होने और अपराध कम होने का दावा किया, जो सत्य से परे है। निर्भया के हत्यारों को आज भी फांसी नहीं मिली, न ही निर्भया फंड का उपयोग किया गया। अब प्रतिदिन राजधानी में लगभग छह से अधिक बलात्कार की घटनाएं सामने आ रही हैं। पुलिस और फास्ट ट्रैक कोर्ट सदृढ़ न करने के कारण आज यह कानून भी कागजों में ही सिमट कर रह गया है।
उनका कहना है कि यह देश की बच्चियों और महिलाओं की सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है, अगर आप ऐसे मुद्दों पर भी गलत तथ्य पेश करेंगे तो देश में महिला सुरक्षा का क्या होगा। इसके साथ ही उन्होंने पीएम से अपील की है कि देश में जल्द पुलिस के संसाधन बढ़ाएं, पुलिस की जवाबदेही बढ़ाएं, महिलाओं की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।