दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के समक्ष दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर कथित रूप से आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों द्वारा बदसलूकी पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आप के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने ‘अपने तानाशाही रवैये के अनुरूप’ सोमवार आधी रात को मुख्य सचिव को बुलाया और अपने विधायकों के समक्ष उन्हें डपटा। इस आरोप को आप ने ‘हास्यास्पद’ बताया है।
गुप्ता ने ट्वीट कर कहा, ‘सत्ता के नशे में चूर मुख्यमंत्री इस बात को लेकर परेशान थे कि विज्ञापन के लिए क्यों अधिक फंड नहीं दिए जा रहे हैं। आप के तहत यह हालात हैं।’ उन्होंने कहा, ‘जब मुख्य सचिव पर हमला किया गया, उस वक्त वहां कुल 9 विधायक उपस्थित थे। वे लोग दिल्ली के लोगों को प्रतिनिधित्व करते हैं लेकिन उनका व्यवहार शहरी नक्सलियों से कम नहीं है। कितना घृणास्पद व्यवहार है।’
In total 9 AAP MLAs were present at the CM’s residence when Chief Secretary was assaulted. They represent people of Delhi but are nothing short of Urban Naxalites. How utterly disgusting behaviour!
— Vijender Gupta (@Gupta_vijender) February 20, 2018
दिल्ली सरकार के प्रवक्ता नागेंद्र शर्मा ने हालांकि इन आरोपों को खारिज किया और कहा कि मुख्य सचिव भाजपा के इशारे पर गलत आरोप लगा रहे हैं। शर्मा ने बयान जारी कर कहा, ‘केजरीवाल के आवास पर मुख्य सचिव से आधार को गलत तरीके से लागू किए जाने को लेकर सवाल किए गए, जिससे 2.5 लाख परिवारों को राशन से वंचित होना पड़ रहा है। इस पर मुख्य सचिव ने जवाब देने से मना कर दिया और कहा कि वह विधायकों या मुख्यमंत्री के प्रति जवाबदेह नहीं हैं बल्कि वह उप राज्यपाल अनिल बैजल को जवाब देंगे।’
उन्होंने कहा, ‘मुख्य सचिव ने कुछ विधायकों के खिलाफ खराब शब्दों का भी इस्तेमाल किया और बिना कोई जवाब दिए वापस चले गए।’ शर्मा ने कहा, ‘यह पूरी तरह से गलत है कि यह बैठक और इसमें विवाद टीवी विज्ञापन के लिए हुआ। पूरी चर्चा बड़ी संख्या में राशन से वंचित परिवारों पर केंद्रित थी।’
उन्होंने कहा, ‘निश्चय ही, वह (मुख्य सचिव) यह भाजपा के इशारे पर कर रहे हैं। भाजपा उप राज्यपाल और अधिकारियों के जरिए दिल्ली सरकार के संचालन में बाधा उत्पन्न करने के लिए बहुत ही नीचे गिर गई है।’ शर्मा ने कहा, ‘अगर मुख्य सचिव ऐसे बेबुनियाद आरोप लगा सकते हैं, तो इस बात की कल्पना की जा सकती है कि भाजपा, अधिकारियों के जरिए आप सरकार के काम में किस तरह की बाधा पहुंचा रही है।’
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