कई दिनों से पहलवानों का धरना प्रदर्शन जारी है करीब एक महीने से पहलवान जंतर मंतर पर धरना दे रहे है। इनकी मांग है कि सांसद ब्रजभूषण को सभी पदो से हटाया जाए। ब्रजभूषण पर एफआईआर के बाद कार्रवाई तेज तो नहीं हुई पर पहलवानों के प्रदर्शन को खत्म करने के लिए पुलिस ने हमले की कोशिश की थी। जिसके बाद से पहलवानों ने अपने मेडल गंगा में बहाने का ऐलान किया है।
मेडल को गंगा में बहाने जाएंगे
विनेश फोगाट ने ट्विटर पर एक पत्र शेयर किया है जिसमें उन्होंने लिखा हमारे साथ 28 मई को जो हुआ वो आप सबने देखा। हम महिला पहलवान ऐसा महसूस कर रही हैं जैसे इस देश में हमारा कुछ बचा ही नहीं है। फोगाट ने लिखा हमें वो पल याद आ रहे हैं, जब हमने ओलंपिक, वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीते थे। अब लग रहा है कि ये मेडल क्यों जीते थे। उन्होंने आगे लिखा ये मेडल हमें नहीं चाहिए। हम इन मेडल को गंगा में बहाने जा रहे हैं।
मेडल प्रवाहित करने के बाद आमरण अनशन
बता दें फोगाट ने मेडल प्रवाहित करने के बाद आमरण अनशन का ऐलान किया है। उन्होंने लिखा। इन मेडल के गंगा में बह जाने के बाद हमारे जीने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। इसलिए हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे। फोगाट ने कहा इंडिया गेट हमारे उन शहीदों की जगह है जिन्होंने देश के लिए अपनी देह त्याग दी। हम उनके जितने पवित्र तो नहीं हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलते वक्त हमारी भावना भी उन सैनिकों जैसी ही थी।
पहलवान पुलिस की कार्रवाई से बेहद नाराज
पहलवान पुलिस की कार्रवाई से बेहद नाराज है वहीं दूसरी तरफ जिस पत्र के बारे में पहलवान बात कर रहे है। इसमें लिखा है कि हमारे सामने सवाल आया कि मेडल लौटाएंगे। हमारी राष्ट्रपति को जो खुद एक महिला हैं। मन ने ना कहा क्योंकि वह हमें सिर्फ 2 किलोमीटर दूर बैठी सिर्फ देखती रहीं लेकिन कुछ भी नहीं बोलीं। पीएम मोदी को मेडल न लौटाने की वजह बताते हुए पहलवानों ने लिखा कि प्रधानमंत्री हमें अपने घर की बेटियां बताते थे। उन्होंने एक बार भी अपने घर की बेटियों की सुध नहीं ली।